[विषय सूची]

वेब कन्टेन्ट एक्सेसीबिलिटी गाईडलाइन्स (डब्लूसीएजी) २.०

डब्लू3सी की सिफारिष 11 दिसंबर 2008

वर्तमान संस्करण:
http://www.w3.org/TR/2008/REC-WCAG20-20081211/
नवीनतम संस्करण:
http://www.w3.org/TR/WCAG20/
पिछला संस्करण:
http://www.w3.org/TR/2008/PR-WCAG20-20081103/
संपादक:
बेन काल्डवेल, ट्रेस आर एण्ड सी सेन्टर, विसकॅनसिन विष्वविद्यालय-मेडीसन
माइकल कूपर, डब्लू3सी
लोरेटा गुआरिनो रीड, गुगल, इन
ग्रेग वेण्डरहीडन, ट्रेस आर एण्ड सी सेन्टर, विसकॅनसिन विष्वविद्यालय -मेडीसन
पूर्व संपादक:
वेंडी चिसहोम(डब्लु3सी में रहने के दौरान जुलाई 2006 तक )
जॉन स्लेटीन (एक्सेसीबिलिटी इन्स्टीटयूट, टेक्सॉस विष्वविद्यालय, ऑस्टीन में रहने के दौरान जून 2006 तक)
जेसॅन व्हाईट (मेलबोर्न विष्वविद्यालय में रहने के दौरान जून 2005 तक)

इस दस्तावेज के लिए कृपया शुध्दि पाठ देखें जिसमें प्रामाणिक संशोधन हो सकते हैं ।

translations देखें |

सामग्री सुगमता मार्गदर्शिका २.० के वैकल्पिक पाठ पर उपलब्ध होकर यह दस्तावेज गैर-प्रामाणिक प्रारूप में भी उपलब्ध है ।


सारांश

वेब कन्टेन्ट एक्सेसीबिलिटी गाईडलाईन्स (डब्लुसीएजी) २.० में वेब सामग्री को और अधिक सुगम बनाने के लिए बहुत सी सिफारिषों का समावेष किया गया है । इन मार्गदर्षिकाओं का अनुसरण, अन्धत्व तथा कमजोर नजर, बहरापन तथा कम सुनाई देना, याद करने में अक्षमता, बोधात्मक सीमाओं, सीमित गतिषीलता, बोलचाल में अक्षमता, प्रकाष के प्रति संवेदनषीलता तथा ऐसी मिली-जुली प्रभावों वाली अक्षमताओं के साथ रहने वाले बहुत से लोगों के लिए इस सामग्री को सुगम बना देगा । साधारण रूप से भी इन मार्गदर्षिकाओं का अनुसरण आपकी वेब सामग्री को उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक उपयोगी बना देगा ।

डब्लुसीएजी २.० की सफलता के मानदण्ड परीक्षण योग्य विवरणों के रूप में लिखे गए है जो विषिश्ट रूप से तकनीकी नहीं है । विषिश्ट प्रौद्योगिकीयों में सफलता के मानदण्डों की पूर्ति के बारे में मार्गदर्षन तथा सफलता के मानदण्डों की व्याख्या के बारे में सामान्य जानकारी अलग दस्तावेजों में दी गई है ।डब्लूसीएजी प्रौद्योगिकी तथा षैक्षणिक सामग्री के एक परिचय तथा लिंक्स के लिए वेब सामग्री सुगमता मार्गदर्षिका (डब्लुसीएजी) परिदृष्य देखें

डब्लुसीएजी २.० वेब सामग्री सुगमता मार्गदर्षिका 1.0 [डब्लूसीएजी10] का अगला संस्करण है जो एक डब्लु3सी सिफारिष के रूप में मई 1999 में प्रकाषित हुआ था । यद्यपि डब्लुसीएजी 1.0 या डब्लुसीएजी २.० ( या दोनो) को समान बनाना संभव है, फिर भी डब्लु3सी नवीनतम तथा अद्यतन विशयवस्तु के लिए डब्लुसीएजी २.० की सिफारिष करता हैं । वेब सुगमता नीतियों के लिए भी डब्लु3सी, डब्लुसीएजी २.० के सन्दर्भ की सिफारिष करता हैं ।

इस दस्तावेज की स्थिति

यह भाग इसके प्रकाषन के समय इस दस्तावेज की स्थिति को वर्णित करता है । अन्य दस्तावेज इस दस्तावेज को अधिक्रमित कर सकते हैं । वर्तमान डब्लु3सी प्रकाषनों की एक सूची तथा इस तकनीकी प्रतिवेदन का नवीनतम संषोधन W3C technical reports index में http://www.w3.org/TR/ पर देखे जा सकते है ।

वेब कन्टेन्ट एक्सेसीबिलिटी गाईडलाईन्स (डब्लुसीएजी) २.० W3C Recommendation वेब सामग्री सुगमता मार्गदर्शिका कार्यकारी समुह की ओर से है |

इस दस्तावेज की समीक्षा डब्लू3सी सदस्यों, सॉफ्टवेयर डेवलपर्स तथा अन्य डब्लू3सी समूहों और इच्छुक दलों द्वारा की गई है और निदेशक द्वारा इसे एक डब्लु3सी सिफारिश के रूप में मान्य किया गया है । यह एक स्थायी दस्तावेज है और इसे सन्दर्भ सामग्री के रूप में प्रयोग किया जा सकता है या दूसरे दस्तावेज से उद्धॄत किया जा सकता है । इस सिफारिश में डब्लु3सी की भूमिका, विशेष विवरण पर ध्यान आकर्षित करने और इसके व्यापक प्रयोग को बढ़ावा देने की है । इससे वेब की कार्यात्मकता तथा परस्पर कार्य संचालन को बढ़ावा मिलता है ।

डब्लुसीएजी २.० संयुक्त गैर-प्रमाणित दस्तावेजों, Understanding WCAG 2.0 तथा Techniques for WCAG 2.0 द्वारा समर्थितहै । यद्यपि, इन दस्तावेजों के पास वह औपचारिक दर्जा नहीं है जो स्वयं डब्लुसीएजी २.० का है, फिर भी डब्लुसीएजी को समझने और क्रियान्वित करने के लिए वे महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं

समूह यह अनुरोध करता है कि यदि कोई टिप्पणी हो तो वह दिए गए ऑनलाईन टिप्पणी प्रपत्र का प्रयोग कर की जा सकती है । यदि यह संभव नहीं है तो टिप्पणियों को सीधे public-comments-wcag20@w3.org पर भी भेजा जा सकता है । सार्वजनिक टिप्पणी सूची के लिए लेखागार सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है । डबलुसीएजी २.० सिफारिशों पर प्राप्त होने वाली टिप्पणियों के फलस्वरूप मार्गदर्शिकाओं के इस संस्करण में परिवर्तन नहीं हो सकता है परन्तु शुध्दिपाठ या डब्लुसीएजी के भावी संस्करणों में उनका समाधान किया जा सकता है । यह कार्यकारी समूह की टिप्पणियों का औपचारिक जवाब देने के लिए योजना नहीं बनाता है । WCAG WG mailing list discussions के लेखागार सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और कार्यकारी समूह द्वारा किए जाने वाले भावी कार्यों से इस दस्तावेज पर प्राप्त होने वाली टिप्पणियों का समाधान किया जा सकता है ।

दस्तावेज डब्लु3सी Web Accessibility Initiative (डब्लुएआय) के हिस्से के रूप में तैयार किया गया है । डब्लुसीएजी कार्यकारी समूह के उद्देश्यों की चर्चा WCAG Working Group charter की गई है । डब्लुसीएजी कार्यकारी समूह WAI Technical Activity का अंग है ।

यह दस्तावेज 5 February 2004 W3C Patent Policy के अन्तर्गत कार्यरत एक समूह द्वारा तैयार किया गया था । समूह, उत्पादों के संबंध में बनायी गई एक किसी पेटेन्ट को जाहिर करने की सार्वजनिक सूची का अनुरक्षण भी करता है,  इस पेज में एक पेटेन्ट की घोषणा करने के निर्देश भी सम्मिलित हैं । एक व्यक्ति जिसे पेटेन्ट की वास्तविक जानकारी है और जिसके बारे में वह यह मानता है कि उसमें अनिवार्य दावे निहित है तो उसे उस जानकारी की डब्लु3सी पेटेन्ट नीति की धारा 6 के अनुसार ही घोषणा करनी चाहिए ।


वस्तु की तालिका

परिषिश्ट


परिचय

यह भाग सूचनापरक है

वेब कन्टेन्ट एक्सेसीबिलिटी गाइडलाईन्स (डब्लुसीएजी) २.० यह सुस्पश्ट करती है कि अक्षमताओं वाले व्यक्तियों के लिए वेब सामग्री किस तरह अधिक सुगम बनायी जाए।सुगमता में बड़ी संख्या में अक्षमता सम्मिलित की गई है जिसमें दृष्यता, श्रवण, षारीरिक बोलचाल, बोधात्मक, भाशायी, अध्ययन तथा स्नायुतंत्र की अक्षमताएं षामिल है।यद्यपि ये मार्गदर्षिकाएं एक बड़ी संख्या में मुद्दों का समावेष करती है परन्तु ये उन सभी लोगों की आवष्यकताएं पूरी करने में समर्थ नहीं है जो अक्षमताओं के सभी प्रकारों, अवस्थाओं तथा संयोजनों के साथ रहते है | ये मार्गदर्षिकाएं प्रौढ़ व्यक्तियों के लिए वेब सामग्री को और अधिक उपयोगी बनाती है जिनकी क्षमताओं में उम्र बढ़ने के साथ बदलाव आता है और साधारण तौर पर भी ये उपयोगकर्ताओं के लिए इसकी उपयोगिता को बढ़ाती है।

डब्लुसीएजी २.० को वेब सामग्री की सुगमता के लिए एक साझा मानक प्रदान करने के उद्देष्य से, जिससे अन्तर्राश्ट्रीय स्तर पर व्यक्तियों, संगठनों और सरकारों की जरूरतों की पूर्ति हो सके, विष्व भर के व्यक्तियों और संगठनों के सहयोग से W3C process द्वारा विकसित किया गया है।. डब्लुसीएजी २.०, डब्लुसीएजी 1.0 [डब्लुसीएजी10] पर तैयार किया गया है और इसे विभिन्न विद्यमान तथा भावी वेब तकनीकों पर लागू किए जाने के लिए डिजाईन किया गया है तथा कम्प्यूटरीकृत परीक्षण तथा मानवीय मूल्यांकन के संयोजन के साथ परीक्षण के योग्य बनाया गया है |. डब्लुसीएजी के एक परिचय के लिए, वेब सामग्री सुगमता मार्गदर्षिका (डब्लुसीएजी) परिदृष्य देखे।

सुगमता न केवल सुगम सामग्री पर परन्तु सुगम वेब ब्राउशर्स और अन्य उपयोगी एजेन्ट्स पर भी निर्भर होती है । वेब सुगमता में वेब लेखन उपकरणों की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है । वेब विकास और परस्पर क्रिया के ये घटक किस तरह एक साथ काम करते हैं, इसके एक परिदृश्य के लिए देखें :

डब्लुसीएजी २.० मार्गदर्शिकाएं

डब्लुसीएजी को प्रयोग करने वाले व्यक्तियों और संगठनों में बहुत सी विविधताएं है और इनमें वेब डिजाइनर तथा डेवलपर्स, नीति निर्माता, क्रय एजेन्ट्स, अध्यापक और विद्यार्थी सम्मिलित हैं। इन श्रोताओं की विविध जरूरतों को पूरा करने के क्रम में, मार्गदर्षन के अनेक चरण प्रस्तुत किए गए हैं जिनमें समग्र सिध्दान्, साधारण मार्गदर्षिकायें , सफलता के परीक्षण योग्य मानदण्ड और पर्याप्त तकनीकों परामर्षी तकनीकों और सामान्य विफलताओं का उदाहरणों, दस्तावेजीकरण, संसाधनों की लिंक्स तथा कोड आदि षामिल हैं।

  • सिध्दान्त - सबसे ऊपर चार सिध्दान्त हैं जो वेब सुगमता के लिए नींव प्रदान करते हैं: जानने योग्य, प्रयोगधर्मी, समझने योग्य तथा दृढ़ | Understanding the Four Principles of Accessibility भी देखें।

  • मार्गदर्शिकाएँ - सिध्दान्तों के अन्तर्गत मार्गदर्शिकाएँ दी गई हैं । ये 12 मार्गदर्शिकाएँ वे मुलभूत लक्ष्य प्रदान करती हैं जिन पर लेखकों को विभिन्न अक्षमताओं वाले उपयोगकर्ताओं के लिए सामग्री को अधिक सुगम बनाने के लिए कार्य करना है । मार्गदर्शिकाएँ परीक्षण योग्य नहीं है परन्तु लेखकों को सफलता के मानदण्ड समझने और तकनीकों को बेहतर तरीके से जारी करने हेतु जरूरी ढांचा और समग्र उद्दे प्रदान करने में सहायक हैं ।

  • सफलता के मानदण्ड - प्रत्येक मार्गदर्षिका के लिए,जहां आवष्यकता तथा अनुरूपता परीक्षण जैसे डिजाइ· न विषिष्टीकरण, क्रय, नियमन तथा संविदात्मक करार की जरूरत है, डब्लुसीएजी २.० के प्रयोग के लिए परीक्षण के योग्य सफलता के मानदण्ड प्रदान किए गए हैं। विभिन्न समूहों और विभिन्न अवस्थाओं की आवष्यकताओं की पूर्ति के लिए, तीन प्रकार के अनुरूपता स्तर निर्धारित किए गए हैं: ए (निम्नतम), एए ,तथा एएए (अधिकतम)| डब्लुसीएजी के चरणों पर अतिरिक्त जानकारी Understanding Levels of Conformance में प्राप्त की जा सकती है।

  • पर्याप्त तथा परा मर्शी तकनीकें - प्रत्येक मार्गदर्शिका तथा सफलता के मानदण्ड के लिए, कार्यकारी समूह ने डब्लुसीएजी २.० दस्तावेज में ही विविध किस्म की तकनीकों का दस्तावेजीकरण किया है । तकनीकें सूचनापरक है और दो श्रेणियों में बँटी है : वे जो सफलता के मानदण्डों की पूर्ति के लिए पर्याप्त हैं और वे जो परामर्शी हैं । परामर्शी तकनीकें उससे भी आगे जाती हैं जो व्यक्तिगत सफलता के मानदण्डों के लिए जरूरी है और लेखकों को मार्गदर्शिकाओं के बेहतर समाधान में सहायक है । कुछ परामर्शी तकनीकें सुगमता की बाधाओं को हटाती है जो परीक्षण योग्य सफलता के मानदण्डों के अन्तर्गत नहीं आती हैं । जहां सामान्य विफलताओं की जानकारी मिलती है, उनका भी दस्तावेजीकरण किया जाता है । Sufficient and Advisory Techniques in Understanding WCAG 2.0 .

के इन समस्त चरणों में (सिध्दान्त, मार्गदर्शिकाएँ सफलता के मानदण्ड और पर्याप्त तथा परा मर्शी तकनीकें) सामग्री को किस तरह से अधिक सुगम बनाया जाए, इसके लिए एक साथ कार्य होता है । लेखकों को सभी चरणों को देखने और वे जिन्हें जारी कर सकते है, परामर्शी तकनीकों सहित उन चरणों को क्रियान्वित करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है ताकि प्रयोगकर्ताओं की अधिक से अधिक जरूरतें पूरी हो सके |

नोट करें कि सामग्री जो उच्चतम स्तर (एएए) के अनुरूप है, वह भी लोगों को सभी प्रकारों, अवस्थाओं, या अक्षमताओं के समायोजन में, खासतौर पर बोधात्मक भाशा तथा अध्ययन के क्षेत्र में सुलभ नहीं हो सकती। लेखकों को परामर्षी तकनीकों सहित तकनीकों की पूरी श्रृंखला पर विचार करने तथा वर्तमान सर्वोत्तम रीति के बारे में उचित सलाह लेने के लिए प्रेरित किया जाता है ताकि यह सुनिष्चित किया जा सके कि इस समुदाय को जहां तक हो सके वेब सामग्री सुलभ हो सके। उपयोगकर्ताओं को उनकी जरूरतों के लिए सामग्री तलाष करने के लिए Metadata से सहायता मिल सकती है।

डब्लुसीएजी २.० सहायक दस्तावेज

डब्लुसीएजी २.० दस्तावेज उन व्यक्तियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है जिन्हें सन्दर्भ योग्य एक स्थायी तकनीकी मानक की जरूरत है। दूसरे दस्तावेज, जिन्हे सहायक दस्तावेज कहा जाता है, डब्लुसीएजी २.० दस्तावेजों पर आधारित है और अन्य महत्वपूर्ण प्रयोजनों के लिए हैं जिनमें अद्यतन करने हेतु यह वर्णन करने की क्षमता भी षामिल है कि नई तकनीकों के साथ डब्लुसीएजी को किस तरह क्रियान्वित किया जाएगा । सहायक दस्तावेजों में षामिल है :

  1. How to Meet डब्लुसीएजी २.० - डब्लुसीएजी २.० के लिए एक अनुकूलित त्वरित सन्दर्भ जिसमें लेखकों के प्रयोग के लिए सभी मार्गदर्षिकायें, सफलता के मानदण्ड तथा तकनीकें इस तरह षामिल की गई है जैसे वे वेब सामग्री विकसित तथा मूल्यांकित कर रहे हैं।

  2. Understanding डब्लुसीएजी २.० - डब्लुसीएजी २.० में षामिल प्रत्येक मार्गदर्षिका तथा सफलता के मानदण्ड तथा प्रमुख षीर्शकों के लिए एक संक्षिप्त ''समझ योग्य'' दस्तावेज है।

  3. डब्लुसीएजी २.० के लिए तकनीकों - तकनीकों और सामान्य विफलताओं का एक संग्रह, प्रत्येक एक अलग दस्तावेज में है जिसमें एक विवरण, उदाहरण, कोड तथा परीक्षण सम्मिलित किया गया है।

  4. डब्लुसीएजी २.० दस्तावेज - इसका एक चित्र तथा विवरण।

डब्लुसीएजी २.० की सहायक सामग्री के विवरण के लिए वेब सामग्री सुगमता मार्गदर्षिका (डब्लुसीएजी) परिदृष्य देखें, जिसमें डब्लुसीएजी २.० से संबध्द षैक्षणिक संसाधन भी सम्मिलित हैं |अतिरिक्त संसाधन, जिनमें वेब पर पहुंच बनाने के लिए व्यवसायिक प्रकरण, वेबसाइट्स की पहुंच में सुधार के लिए क्रियान्वयन योजना तथा सुलभ नीतियां षामिल हैं WAI Resources पर सूचीबध्द है।

डब्लुसीएजी २.० में महत्त्वपूर्ण शब्द

डब्लुसीएजी २.० में तीन महत्वपूर्ण षब्द षामिल हैं जो डब्लुसीएजी 1.0 से अलग हैं । इनमें से प्रत्येक का परिचय नीचे संक्षेप में दिया गया है तथा षब्दावली में अधिक विस्तार से परिभाशित किया गया है।

वेब पेज

यह नोट करना आवष्यक है कि इस मानक में" वेब पृष्ठ" षब्द, स्थैतिक एचटीएमएल पृष्ठों से कहीं अधिक महत्व रखता है। इसमें उन ''पृष्ठों'' सहित, जो समूचे आभासी परस्पर प्रभाव डालने वाले समुदायों को प्रस्तुत कर सकते हैं, बढ़ते हुए गतिषील वेब पृष्ठ भी षामिल हैं जो वेब पर उभर रहे हैं । उदाहरण के लिए, ''वेब पृष्ठ'' षब्द में एक एकल यूआरआय पर पाये जाने वाला एक डूबते, परस्पर प्रभाव डालने वाले सिनेमा जैसा अनुभव षामिल है|अधिक जानकारी के लिए, Understanding "Web Page" देखें।

कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित

अनेक सफलता के मानदण्डों में सामग्री (या सामग्री के निष्चित पहलुओं को) कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित किए जाने की आवष्यकता हो सकती ह। इसका अर्थ यह है कि सामग्री को इस प्रकार से भेजी जाए कि, उपयोगकर्ता एजेन्ट्स , जिसमें सहायक तकनीकें भी शामिल है, इस जानकारी का सार निकाल कर उपयोगकर्ताओं के लिए इस जानकारी को विभिन्न रूपों में प्रस्तुत कर सकें ।अधिक जानकारी के लिए, Understanding Programmatically Determined देखे |

सुलभता समर्थित

एक तकनीक को ऐसे तरीके से उपयोग करना जो सुलभता समर्थित है, इसका अर्थ यह है कि यह सहायक प्रौद्योगिकियों (असिस्टीव टेक्नालॉजिस -एटी) और ऑपरेटिंग सिस्टम्स की सुलभता विषेशता, ब्राउषर्स तथा अन्य उपयोगकर्ता एजेन्ट्स के साथ कार्य करती है | तकनीकी विषेशताओं को डब्लुसीएजी २.० के सफलता मानदण्डों के अनुरूप तब ही माना जा सकता है जब वे एक ऐसे तरीके से प्रयोग की जा रही है जो " सुलभता समर्थित " नहीं है।तकनीकी विषेशताएं, जो सुलभता समर्थित नहीं है, को ऐसे तरीकों से तब तक प्रयोग किया जा सकता है जब तक उन्हें सफलता के किन्ही मानदण्डों के अनुरूप नहीं रखा जाता है (अर्थात यह जानकारी या कार्यक्षमता दूसरी तरह से भी उपलब्ध है जो समर्थित हैं)।

''सुलभता समर्थित'' की परिभाशा इन मार्गदर्षिकाओं के परिशिष्ट अ : शब्दकोष (प्रामाणिक) भाग में दी गई है। अधिक जानकारी के लिए, Understanding Accessibility Support देखें।

डब्लुसीएजी २.० मार्गदर्षिका

यह भाग प्रामाणिक है ।

सिध्दान्त 1 : जानने योग्य - सूचना तथा प्रयोगकर्ता इंटरफ़ेस घटक, का प्रस्तुतिकरण प्रयोगकर्ताओं के लिए ऐसे तरीके से होना चाहिए जिन्हें वे समझ सकें ।

मार्गदर्षिका 1.1 पाठ के विकल्प : किसी भी गैर-पाठ सामग्री के लिए वैकल्पिक पाठ प्रस्तुत करें ताकि लोगों की जरूरत के अनुसार वे अन्य प्रारूपों, जैसे बड़ी प्रिन्ट, ब्रेल, भाशण, संकेत या सरल भाशा में परिवर्तित हो सकें |

1.1.1 गैर पाठ सामग्री: प्रयोगकर्ताओं को प्रस्तुत की जाने वाली समस्त गैर-पाठ सामग्री के पास एक पाठ विकल्प होना चाहिए जो नीचे लिखी स्थितियों के अतिरिक्त समकक्ष प्रयोजनों को पूरा करें । (स्तर ए)

  • कन्ट्रोल्स, इनपुट : यदि गैर-पाठ सामग्री कन्ट्रोल या उपयोगकर्ता इ·नपुट को स्वीकारने वाली है तब उसका नाम ऐसा है जो उसके प्रयोजन को वर्णित करता है । (कन्ट्रोल्स तथा सामग्री के लिए, जो उपयोगकर्ता इनपुट को स्वीकारती है, अतिरिक्त जरूरतों के लिए मार्गदर्षिका 4.1 देखें।)

  • समय आधारित मीडिया / माध्यम : यदि गैर-पाठ सामग्री समय-आधारित मीडिया / माध्यम है तो पाठ के विकल्प कम से कम गैर-पाठ सामग्री का विवरणात्मक परिचय प्रदान करते है । ( मीडिया / माध्यम के लिए अतिरिक्त जरूरतों के लिए मार्गदर्शिका 1.2 देखें ।)

  • परीक्षण: यदि गैर-पाठ सामग्री एक परीक्षण या अभ्यास है जिसे पाठ के रूप में प्रस्तुत किए जाने पर वह अमान्य हो जाएगा तो पाठ के विकल्प कम से कम गैर-पाठ सामग्री का विवरणात्मक परिचय प्रदान करते हैं ।

  • संवेदी : यदि गैर-पाठ सामग्री का उद्देश्य प्राथमिक रूप से एक विशिष्ट संवेदी अनुभव उत्पन्न करना है, तो पाठ के विकल्प कम से कम गैर-पाठ सामग्री का विवरणात्मक परिचय प्रदान करते हैं ।

  • केपचा : यदि गैर-पाठ सामग्री का प्रयोजन यह पुष्टि करना है कि सामग्री एक व्यक्ति के बजाय एक कम्प्यूटर द्वारा उपयोग की जा रही है, तो विभिन्न अक्षमताओं को समायोजित करने के लिए पाठ के विकल्प जो प्रदान की जा रही गैर-पाठ सामग्री की पहचान तथा विवरण देते हैं, और विभिन्न प्रकार की संवेदी धारणाओं के लिए आउटपुट प्रकारों का प्रयोग करते हुए केपचा के वैकल्पिक स्वरूप प्रदान किए जाते हैं ।

  • सजावट, प्रारूपण, अदृश्य : यदि गैर-पाठ सामग्री शुध्द सजावटीहै, सिर्फ दिखावटी प्रारूपण के लिए इस्तेमाल की जा रही है, या प्रयोगकर्ताओं के लिए प्रस्तुत नहीं की जा रही है, तो इसे एक ऐसे तरीके से क्रियान्वित किया जाता है कि इसे असीस्टिव तकनीक द्वारा नज़रअन्दाज किया जा सके ।

मार्गदर्शिका 1.2 समय-आधारित मीडिया : समय-आधारित मीडिया के लिये विकल्प प्रदान करना

1.2.1 केवल-ऑडियो और केवल-विडियो ( पूर्व रिकार्डेड ) : पूर्व रिकार्ड की हुई केवल-ऑडियो तथा केवल-विडियो मीडिया के लिए, निम्नलिखित बातें सही है, सिवाय जब ऑडियो या विडियो पाठ के लिए एक मीडिया विकल्प है और इसे इसके लिए स्पष्ट रूप से लेबल किया गया हो : (स्तर ए)

  • पूर्व रिकार्डेड केवल-ऑडियो : समय-आधारित मीडिया के लिए एक विकल्प दिया गया है जो पूर्व रिकार्डेड केवल-ऑडियो सामग्री के समकक्ष जानकारी प्रस्तुत करता है ।

  • पूर्व रिकार्डेड केवल-विडियो : समय-आधारित मीडिया के लिए एक विकल्प या ऑडियो ट्रॅक दिया गया है जो पूर्व रिकार्डेड केवल-विडियो सामग्री के समकक्ष जानकारी प्रस्तुत करता है ।

1.2.2 शीर्षक ( पूर्व रिकार्डेड) :सभी पूर्व रिकार्डेड ऑडियो सामग्री के लिए समकालित मीडिया में शीर्षक दिए गए हैं सिवाय जब मीडिया, पाठ के लिए एक मीडिया विकल्प है और इसलिए स्पष्ट रूप से लेबल किया गया हो । (स्तर ए)

1.2.3 ऑडियो विवरण या मीडिया विकल्प ( पूर्व रिकार्डेड ) : समय-आधारित मीडिया या पूर्व रिकार्डेड विडियो सामग्री के ऑडियो विवरण हेतु समकालित मीडिया के लिए एक विकल्प दिया गया हैं इअसके अतिरीक्त जब मीडिया, पाठ के लिए एक मीडिया विकल्प है और इसलिए स्पष्ट रूप से लेबल किया गया हो । (स्तर ए)

1.2.4 शीर्षक (जीवन्त) : सभी सीधे / ठेंट जीवन्त ऑडियो सामग्री के लिए समकालिक मीडिया में शीर्षक दिए जाते हैं । (स्तर एए)

1.2.5 ऑडियो विवरण (पूर्व रिकार्डेड) : सभी पूर्व रिकार्डेड विडियो सामग्री के लिए समकालिक मीडिया में ऑडियो विवरण दिए जाते हैं ।(स्तर एए)

1.2.6 सांकेतिक भाषा (पूर्व रिकार्डेड) : सभी पूर्व रिकार्डेड ऑडियो सामग्री के लिए समकालिक मीडिया में संकेत भाषा व्याख्या दी जाती हैं । (स्तर एएए)

1.2.7 विस्तारित ऑडियो विवरण (पूर्व रिकार्डेड) : जहाँ ऑडियो विवरणों द्वारा विडियो का तात्पर्य व्यक्त करने के लिए अग्रभूमि ऑडियो के विराम अपर्याप्त हैं, वहाँ सभी पूर्व रिकार्डेड विडियो सामग्री के लिए समकालिक मीडिया में विस्तारित ऑडियो विवरण दिए जाते हैं । (स्तर एएए) (स्तर एएए)

1.2.8 मीडिया विकल्प ( पूर्व रिकार्डेड ) : सभी पूर्व रिकार्डेड समकालिक मीडिया और सभी पूर्व रिकार्डेड केवल-विडियो मीडिया हेतु समय-आधारित मीडिया के लिए एक विकल्प दिया जाता है । (स्तर एएए)

1.2.9 केवल-ऑडियो (सीधा / ठेंट ) : समय आधारित मीडिया के लिए एक विकल्प दिया जाता है जो सीधा / ठेंट केवल-ऑडियो सामग्री के समकक्ष जानकारी प्रस्तुत करता है । (स्तर एएए)

मार्गदर्शिका 1.3 अनुकूलनीय : सामग्री तैयार करना जिसे बिना जानकारी या ढाँचा गँवाए अलग-अलग तरीकों ( उदाहरण के लिए : सरल रूप रेखा ) से प्रस्तुत किया जा सके ।

1.3.1 जानकारी तथा संबंध : प्रस्तुतिकरण , द्वारा व्यक्त सूचना, संरचना तथा संबंध कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित किए जा सकते हैं, अथवा पाठ में उपलब्ध हैं । (स्तर ए )

1.3.2 अर्थपूर्ण क्रम : जब वह क्रम जिसमें सामग्री प्रस्तुत की गई है, उसके अर्थ को प्रभावित करता है तो एक सही पढ़ने वाला क्रम कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित किया जा सकता है । (स्तर ए)

1.3.3 संवेदी विशेषता : सामग्री को समझने और संचालित करने के लिए दिए गए निर्देश पूरी तरह से बनावट,आकार, आभासी स्थिति, विन्यास या ध्वनि जैसे घटकों की संवेदी विषेशताओं पर निर्भर नहीं होते (स्तर ए)

टिप्पणी : रंग से संबंधित जरूरतों के लिए, देखें मार्गदर्शिका 1.4.

मार्गदर्शिका 1.4 विभेदी : उपयोगकर्ताओं के लिए अग्रभाग को पार्श्वभाग से अलग करने सहित सामग्री को देखना और सुनना तथा सरल बनाना

1.4.1 रंग का उपयोग : रंग को जानकारी व्यक्त करने, एक कार्य दिखाने, एक जवाब देने या आभासीय तत्व को दिखाने के एकमात्र दृष्य साधन के रूप में उपयोग नहीं किया जाता है (स्तर ए)

टिप्पणी : सफलता का यह मानदण्ड रंग बोध का विषेश रूप से समाधान करता है | रंग के कार्यक्रमात्मक निर्धारण तथा दूसरे दृश्य प्रस्तुतीकरण कूटलेखन सहित बोध के अन्य स्वरूपों की व्याख्या मार्गदर्शिका 1.3 में की गई है ।

1.4.2 ऑडियो नियंत्रण : यदि एक वेब पृष्ठ पर एक ऑडियो स्वयंचलित रूप से 3 सैकण्ड से अधिक समय के लिए चलता है तो ऑडियो को बन्द करने या विराम देने के लिए या तो एक यंत्रणा उपलब्ध है या ऑडियो वाल्यूम को नियंत्रित करने के लिए समग्र प्रणाली वॉल्यूम स्तर से स्वतंत्र रूप से एक यंत्रणा उपलब्ध है । (स्तर ए)

टिप्पणी : चूँकि ऐसी कोई भी सामग्री जो इस सफलता के मानदण्ड की पूर्ति नहीं करती, पूरे पृष्ठ के प्रयोग करने की प्रयोगकर्ता की क्षमता को प्रभावित कर सकती है, अत: वेब पृष्ठ पर प्रस्तुत समस्त सामग्री (भले ही सफलता के दूसरे मानदण्डों की पूर्ति के लिए इसका उपयोग हो अथवा नहीं हो ) इस सफलता मानदण्ड के अनुरूप होनी चाहिए । अनुरूपता के लिये आवश्यकताएं 5: गैर-हस्तक्षेप देखें ।

1.4.3 कॉन्ट्रास्ट (न्यूनतम) : निम्नलिखित को छोड़कर, पाठ ओर छबियों के पाठ के दृश्य प्रस्तुतिकरण का कॉन्ट्रास्ट अनुपात कम से कम 4 : 5 : 1 होता है : (स्तर एए)

  • बड़ा पाठ : बड़े पैमाने के पाठ और बड़े पैमाने के पाठ की छबियों का कान्ट्रास्ट अनुपात 3 : 1 होता है ।

  • संयोगी : पाठ या छबियों के पाठ जो एक निष्क्रिय प्रयोगकर्ता इन्टरफेस घटक के हिस्से हैं, जो शुध्द सजावटी हैं, जो किसी को भी दिखाई नहीं देते, या जो किसी ऐसे चित्र के हिस्से हैं जिसमें महत्वपूर्ण अन्य दृश्य सामग्री है, को कॉन्ट्रास्ट की जरूरत नहीं है ।

  • प्रतीक चिन्ह के प्रकार (लोगोटाइप्स) उस पाठ को, जो एक लोगो या एक ब्राण्ड नेम का हिस्सा है, कोई न्यूनतम कान्ट्रास्टकी जरूरत नहीं है।

1.4.4 पाठ को पुन: आकार देना : पाठ की छबियों और शीर्षकों को छोड़ कर, असीस्टिव प्रौद्योगिकी से सामग्री या कार्यक्षमता गँवाये बिना पाठ को 200 प्रतिशत तक पुन: आकार दिया जा सकता है । (स्तर एए)

1.4.5 पाठ की छबियां : यदि प्रयुक्त प्रौद्योगिकियाँ दृश्य प्रस्तुतिकरण प्राप्त कर सकती हैं तो जानकारी व्यक्त करने के लिए निम्न को छोड़ कर पाठ की छबियों के स्थान पर पाठ प्रयुक्त किया जा सकता है : (स्तर एए)

  • अनुकूल बनाने योग्य : उपयोगकर्ता की जरूरत के अनुसार पाठ की छबि को दृश्य के अनुकूल बनाया जा सकता है :

  • अनिवार्य जानकारी को व्यक्त करने के लिए पाठ की एक विशेष प्रस्तुति अनिवार्य है ।

टिप्पणी :प्रतीक चिन्ह के प्रकार (लोगोटाइप्स) ( वह पाठ जो एक लोगो या ब्राण्ड नेम का हिस्सा है) अनिवार्य समझे जाते हैं ।

1.4.6 कॉन्ट्रास्ट (बढ़ा हुआ) : निम्नलिखित को छोड़कर, पाठ ओर पाठ के छबियों के दृश्य प्रस्तुतिकरण का कॉन्ट्रास्ट अनुपात कम से कम 7 : 1 होता है : (स्तर एए),

  • बड़ा पाठ : बड़े पैमाने के पाठ और बड़े पैमाने के पाठ की छबियों का कान्ट्रास्ट अनुपात 4.5:1;

  • संयोगी : पाठ या छबियों के पाठ जो एक निष्क्रिय प्रयोगकर्ता इन्टरफेस घटक के हिस्से हैं जो शुद्ध सजावटी हैं, जो किसी को भी दिखाई नहीं देते, या जो किसी ऐसे चित्र के हिस्से हैं जिसमें महत्त्वपूर्ण अन्य दृश्य सामग्री है, को कॉन्ट्रास्ट की जरूरत नहीं है ।

  • प्रतीक चिन्ह के प्रकार (लोगोटाइप्स) : उस पाठ को, जो एक लोगो या एक ब्रॅण्ड नेम का हिस्सा है, कोई न्यूनतम कॉन्ट्रास्ट की जरूरत नहीं है |

1.4.7 निम्न या कोई पार्श्वपृष्ठ ऑडियो नहीं : पूर्व रिकार्डेड केवल-ऑडियो सामग्री के लिए जिसके (1) अग्रपृष्ठ में प्राथमिक व्याख्यान हो, (2) जो एक ऑडियो केपचा या ऑडियो लोगो नहीं हैं, और (3) गान या सांस्कृतिक गान जैसी प्राथमिक संगीतमय अभिव्यक्ति के रूप में संगीतबध्द नहीं हो, निम्नलिखित में से कम से कम एक सत्य है: (स्तर एएए)(स्तर एएए)

  • कोई पृश्ठभूमि नहीं : ऑडियो में पृष्ठभूमि ध्वनियां नहीं होती है ।

  • बन्द करना : पृष्ठभूमि ध्वनियों को बन्द किया जा सकताहै ।

  • 20 डीबी : अपवादस्वरूप आकस्मिक ध्वनियों के अतिरिक्त, जो केवल एक या दो सैकण्ड तक रहती हैं, अग्रपृष्ठीय व्याख्यान सामग्री से पृष्ठभूमि ध्वनियां कम से कम 20 डेसीबल कम होती है ।

    टिप्पणी : ''डेसीबल'' परिभाशा के अनुसार, इस आवष्यकता की पूर्ति करने वाला पृष्ठभूमि संगीत अग्रभूमि व्याख्यान सामग्री से करीब चार गुना षान्त होगा ।

1.4.8आभासी प्रस्तुति: पाठ के खण्डों के आभासी प्रस्तुतिकरण के लिए निम्न को प्राप्त करने के लिए एक यंत्रावली उपलब्ध है : (स्तर एएए)

  1. प्रयोगकर्ता द्वारा अग्रभूमि तथा पृष्ठभूमि के रंग चुने जा सकते हैं ।

  2. चौड़ाई 80 अक्षरों या ग्लिफ्ज से अधिक नहीं है । (यदि सीजेके है तो 40)

  3. पाठ औचित्यपूर्ण (जस्टीफाइड) नहीं है । ( बाँयी और दांहिनी दोनो मार्जिन की सीध में )

  4. अनुच्छेदों में पंक्तियों की दूरी (लीडिंग) कम से कम डेढ़ स्पेस की है, और अनुच्छेदों के बीच की दूरी पंक्तियों की दूरी से कम से कम 1.5 गुना अधिक है।

  5. असीस्टिव प्रौद्योगिकी के बिना एक ऐसे तरीके से पाठ को 200 प्रतिशत तक पुन: आकार दिया जा सकता है जिसमें प्रयोगकर्ता को पूर्ण स्क्रीन विण्डों पर पाठ की एक पंक्ति पढ़ने के लिए आड़ी दिशा में स्क्रोल करने की जरूरत नहीं होती है

1.4.9 पाठ की छबियाँ (कोई अपवाद नहीं): पाठ की छबियाँ केवल शुध्द सजावट के लिए प्रयोग में लायी जाती है या ऐसे स्थान पर जहाँ व्यक्त की जा रही जानकारी के लिए पाठ का एक विशेष प्रस्तुतिकरण आवश्यक है । (स्तर एएए)

टिप्पणी : प्रतीक चिन्ह के प्रकार (लोगोटाइप्स) ( वह पाठ जो एक लोगो या ब्रॅण्ड नेम का हिस्सा है) अनिवार्य समझे जाते है ।

सिध्दान्त 2 : प्रयोग - प्रयोगकर्ता के इन्टरफेस घटक तथा नेविगे प्रयोग के योग्य होना चाहिए

मार्गदर्शिका 2.1 की बोर्ड सुगमता : (एक की बोर्ड से उपलब्ध सभी कार्य करना )

2.1.1 कीबोर्ड: सामग्री की समस्त कार्यक्षमता एक कीबोर्ड इन्टरफेस से अलग-अलग की स्ट्रोक्स के लिए विशेष समय काल की आवश्यकता के बिना प्रयोग की जा सकती है, सिवाय जहां नीचे प्रस्तुत कार्यो में इनपुट की जरूरत है जो प्रयोगकर्ता के मार्ग पर निर्भर रहते हैं और केवल अन्तिम बिन्दुओं पर नहीं । (स्तर ए)

टिप्पणी 1 : यह अपवाद नीचे लिखे कार्यो से संबध्द है, इनपुट प्रौद्योगिकी से नहीं । उदाहरण केलिए, पाठ प्रविश्ट करने के लिए यदि हस्तलिपि प्रयुक्त की जा रही है तो इनपुट प्रौद्योगिकी (हस्तलिपि) में मार्ग-निर्धारित इनपुट की जरूरत होगी परन्तु निम्न कार्य ( पाठ का इनपुट ) में नहीं ।

टिप्पणी 2 : यह कीबोर्ड संचालन सहित माउस इनपुट या दूसरी इनपुट विधियों के प्रयोग में रोक नहीं लगाता और इसे उनके प्रयोग को हतोत्साहित नहीं करना चाहिए ।

2.1.2 कोई कीबोर्ड ट्रॅप नहीं:यदि एक कीबोर्ड इन्टरफेस के प्रयोग से कीबोर्ड फोकस को पृष्ठ के एक घटक की ओर चलाया जा सकता है तो उस घटक से फोकस को की बोर्ड इन्टरफेस के प्रयोग से ही हटाया जा सकता है, और यदि इसके लिए असं ,कुंजियों या दूसरे मानक एक्जिट विधियों से अधिक की जरूरत पड़ती है तो प्रयोगकर्ता को फोकस हटाने की विधि सुझायी जाती है ।(स्तर ए)

टिप्पणी : चूँकि कोई भी सामग्री जो इस सफलता मानदण्ड की पूर्ति नहीं करती, पूरे पृष्ठ का प्रयोग करने की प्रयोगकर्ता की क्षमता के साथ हस्तक्षेप कर सकती है, वेब पृष्ठ की समस्त सामग्री को ( भले ही वह दूसरे सफलता मानदण्डों की पूर्ति के लिए प्रयुक्त हो अथवा नहीं ) सफलता मानदण्ड की पूर्ति करनी चाहिए । अनुरूपता के लिये आवश्यकताएं 5: गैर-हस्तक्षेप देखें |

2.1.3 की बोर्ड (कोई अपवाद नहीं) : सामग्री की सभी कार्यक्षमता अलग अलग की स्ट्रोक्स के लिए किसी विशिष्ट समयकाल की आवश्यकता के बिना एक कीबोर्ड इन्टरफेस से संचालित होती है । (स्तर एएए)

मार्गदर्शिका 2.2 पर्याप्त समय : प्रयोगकर्ताओं को सामग्री को पढ़ने और प्रयोग के लिए पर्याप्त समय देना ।

2.2.1 समय समायोजन : प्रत्येक समय सीमा के लिए जो सामग्री के द्वारा नियत की गई है, निम्न में से कम से कम एक सही है : (स्तर ए)

  • बन्द करना : उपयोगकर्ता को समय सीमा का सामना करने के पहले उसे बन्द करने की अनुमति, या

  • समायोजन : उपयोगकर्ता को इसका सामना करने के पहले समय सीमा को विस्तारित सीमाओं में समायोजित करने की अनुमति है जो डिफ़ाल्ट सेटिंग की लंबाई से कम से कम दस गुना है, या

  • विस्तार :समय समाप्ति होने के पहले उपयोगकर्ता को चेतावनी दी जाती है और एक सरल कार्यवाही द्वारा समय सीमा विस्तारित करने के लिए कम से कम 20 सैकण्ड दिये जाते हैं (उदाहरण के लिए, ''स्पेस बार को दबाइ· ये ''), और उपयोगकर्ता को समय सीमा को कम से कम दस गुना बढ़ाने की अनुमति मिल जाती है, या

  • वास्तविक-समय अपवाद : समय सीमा, एक वास्तविक-समय घटना का एक आवष्यक अंग है (उदाहरण के लिए, एक नीलामी), तथा समय सीमा का कोई विकल्प संभव नहीं है, या

  • अनिवार्य अपवाद :समय सीमा अनिवार्य है और इसे विस्तारित करने से गतिविधि अवैध हो जाएगी, या

  • 20 घण्टे का अपवाद : समय सीमा 20 घण्टे से अधिक लंबी है ।

टिप्पणी : यह सफलता का मानदण्ड यह सुनिश्चित करने में सहायता करता है कि उपयोगकर्ता सामग्री या सन्दर्भ में अनपेक्षित परिवर्तनों के बिना कार्यों को पूरा कर सके जो एक समय सीमा का परिणाम होते हैं । इस सफलता के मानदण्ड पर Success Criterion 3.2.1, के संयोजन के साथ विचार किया जाना है जो उपयोगकर्ता की कार्यवाही के परिणामस्वरूप सामग्री या सन्दर्भ के परिवर्तनों को सीमित करता है ।

2.2.2 विराम, रूकना, छिपना : हिलना, टिमटिमान स्क्रोलिंग या स्वचलित रूप से जानकारी को अद्यतन करने के सभी सही हैं : (स्तर ए)

  • हिलना, टिमटिमाना, स्क्रोलिंग : किसी भी हिलती, टिमटिमाती या स्क्रोलिंग होती हुई जानकारी के लिए जो (1) स्वचलित रूप से प्रारंभ होती है, (2) पांच सैकण्ड से अधिक समय तक रहती है, और (3) दूसरी सामग्री के साथ प्रस्तुत होती है, उपयोगकर्ता के लिए विराम देने रोकने या छुपाने के लिए एक यंत्रावली होती है बषर्ते वह हलचल, टिमटिमाना या स्क्रोलिंग एक ऐसी गतिविधि का हिस्सा है जो अनिवार्य है ।

  • स्वचलित रूप से अद्यतन करना: किसी भी स्वचलित रूप से अद्यतन होने वाली जानकारी के लिए जो(1) स्वचलित रूप से प्रारंभ होती है, (2)दूसरी सामग्री के साथ प्रस्तुत होती है, उपयोगकर्ता के लिए रोकने विराम देने बषर्ते वह स्वचलित अद्यतनता एक ऐसी गतिविधि का हिस्सा है जो अनिवार्य है ।

टिप्पणी 1: झिलमिलाती या चमकती सामग्री से संबंधित जरूरतों के लिए मार्गदर्शिका 2.3 देखें |

टिप्पणी 2: प्रयोगकर्ता की क्षमता के साथ हस्तक्षेप कर सकती है, वेब पृष्ठ की समस्त सामग्री को ( भले ही वह दूसरे सफलता मानदण्डों की पूर्ति के लिए प्रयुक्त हो अथवा नहीं ) सफलता मानदण्ड की पूर्ति करनी चाहिए अनुरूपता के लिये आवश्यकताएं 5: गैर-हस्तक्षेप देखें |

टिप्पणी 3: ऐसी सामग्री में जो सॉफ्टवेयर द्वारा समय-समय पर अद्यतन होती है या जो उपयोगकर्ता एजेन्ट की ओर प्रवाहित होती है, वह जानकारी सुरक्षित रखने या प्रस्तुत करने की आवष्यकता नहीं है जो प्रस्तुतिकरण रोकने और प्रारंभ करने के बीच उत्पन्न या प्राप्त हुई है, क्योंकि यह तकनीकी रूप से संभव नहीं होगा, और अनेक परिस्थितियों में ऐसा करने से भटकाव उत्पन्न हो सकता है ।

टिप्पणी 4: एक एनीमेषन जो एक पूर्व में लोड चरण या समान परिस्थिति में घटित हुआ है, आवष्यक समझा जा सकता है यदि उस चरण के दौरान सभी प्रयोगकर्ताओं के बीच संवाद नहीं होते और यदि यह प्रगति नहीं दर्षाता है तो यह प्रयोगकर्ताओं को भ्रमित कर सकता है या उन्हें यह सोचने पर विवष कर सकता है कि विशयवस्तु अवरूध्द या खण्डित हो गई है |

2.2.3 कोई समय निर्धारण नहीं :गैर-संवादात्मक संकलित मीडिया और वास्तविक-समय घटनाओं को छोड़कर समय निर्धारण, सामग्री द्वारा प्रस्तुत घटना या गतिविधि का एक अनिवार्य भाग नहीं हैं । (स्तर एएए)

2.2.4 अवरोध : उन स्थिति को छोड़कर जब अवरोधों में आपातकाल शामिल हो, प्रयोगकर्ता द्वारा अवरोध आगे बढ़ाये या खत्म किए जा सकते है ।(स्तर एएए)

2.2.5 पुन:प्रमाणीकरण : जब एक प्रमाणीकरण सत्र समाप्त होता है, तब पुन:प्रमाणीकरण के बाद प्रयोगकर्ता बिना डाटा गँवाये गतिविधि जारी रख सकता है । (स्तर एएए)

मार्गदर्शिका 2.3 अधिग्रहण: सामग्री को ऐसे तरीके से डिजाईन नहीं करना जो अधिग्रहण दिखाने के लिए जाना जाए ।

2.3.1 तीन फ्लेष या थ्रेषहोल्ड के नीचे: वेब पृष्ठ में ऐसी कोई वस्तु नहीं होती है जो किसी भी एक सैकण्ड की अवधि में तीन से अधिक बार (फ्लेष हो) चमके, फ्लेष या साधारण फ्लेष और रेड फ्लेष थ्रेषहोल्ड के नीचे हो |(स्तर ए)

टिप्पणी : चूंकि कोई भी सामग्री जो इस सफलता मानदण्ड की पूर्ति नहीं करती, पूरे पृष्ठ का प्रयोग करने की प्रयोगकर्ता की क्षमता के साथ हस्तक्षेप कर सकती है, वेब पृष्ठ की समस्त सामग्री को ( भले ही वह दूसरे सफलता मानदण्डों की पूर्ति के लिए प्रयुक्त हो अथवा नहीं ) सफलता मानदण्ड की पूर्ति करनी चाहिए | अनुरूपता के लिये आवश्यकताएं 5: गैर-हस्तक्षेप देखें |

2.3.2 तीन फ्लॅश: वेब पृष्ठ में ऐसी कोई वस्तु नहीं होती है जो किसी भी एक सैकण्ड की अवधि में तीन से अधिक बार फ्लॅश हो चमके । (स्तर एएए)

मार्गदर्षिका 2.4 संचालन योग्य : ऐसे तरीके प्रस्तुत करना जिससे उपयोगकर्ताओं को संचालन में, सामग्री तलाशने और यह मालूम करने में मदद मिले कि वे कहाँ है

सिध्दान्त 3 : समझने योग्य - जानकारी तथा प्रयोगकर्ता इन्टरफेस का संचालन समझने योग्य होना चाहिए ।

मार्गदर्षिका 3.1 पढ़ने योग्य : पाठ की सामग्री को पठन तथा समझ के योग्य बनाना ।

3.1.1 पृष्ठ की भाशा: प्रत्येक वेब पृष्ठ की निर्धारित मानवीय भाषा कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित की जा सकती है । (स्तर ए)

3.1.2 भागों की भाषा : भाषा के शब्दों तथा वाक्यां शोके शब्दों को छोड़कर,जो वर्तमान आस पास के पाठ की मातृभाषा के हिस्से बन गए हैं, सामग्री में प्रत्येक अनुच्छेद या वाक्यां शकी को मानवीय भाषा को कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित किया जा सकता है । (स्तर एए)

3.1.3 असामान्य षब्द:मुहावरों तथा कहावतों सहित,असामान्य या प्रतिबंधित रीति से प्रयोग किए गए षब्दों या वाक्यांषों की विषिष्ट अर्थो की पहचान के लिए एक यंत्रावली उपलब्ध है । (स्तर एएए)

3.1.4 संक्षिप्त रूप : संक्षिप्त रूपों के अर्थ या विस्तारित स्वरूपों की पहचान करने के लिए एक यंत्रावली उपलब्ध है । (स्तर एएए)

3.1.5 पठन स्तर : जब पाठ में निम्न माध्यमिक शैक्षणिक स्तर की तुलना में अधिक उन्नत पठन क्षमता की जरूरत होती है जब वास्तविक नामों और शीर्षक हटाने के बाद, पूरक सामग्री या एक संस्करण उपलब्ध है जिसमें निम्न शैक्षणिक स्तर से अधिक उन्नत पठन क्षमता की जरूरत नहीं होती है । (स्तर एएए)

3.1.6 उच्चारण : जहां उच्चारण के सन्दर्भ को जाने बिना,शब्दों के अर्थ, अस्पष्ट रहते हैं, वहां शब्दों के विशिष्ट उच्चारण की पहचान के लिए एक यंत्रावली उपलब्ध है । (स्तर एएए)

मार्गदर्षिका 3.2 पूर्वानुमान लगाने के योग्य : वेब पृष्ठों को पूर्वानुमान लगाने योग्य तरीकों से दिखाने और संचालित करने के योग्य बनाना

3.2.1 फोकस पर : जब एक घटक फोकस प्राप्त करता है, तो इससे सन्दर्भ में कोई परिवर्तन नहीं होता है । (स्तर ए)

3.2.2 इनपुट पर : किसी भी उपयोगकर्ता इन्टरफेस घटक की स्थापना में परिवर्तन करने से सन्दर्भ में स्वयमेव परिवर्तन नहीं होता जब तक कि घटक के प्रयोग के पूर्व उपयोगकर्ता को इसके व्यवहार के बारे में बतायान गया हो । (स्तर ए)

3.2.3 सतत संचालन : संचालित यंत्रावलियों को जो वेब पृष्ठों के एक सेट में विविध वेब पृष्ठों पर करती है, प्रत्येक निरन्तर कार्य बार उसी संबद्ध क्रम में काम करते रहना चाहिए जब तक कि उपयोगकर्ता द्वारा उनमें कोई परिवर्तन नहीं किया जाए । (स्तर एए)

3.2.4 सतत पहचान : वेब पृष्ठों के एक सेट में ऐसे घटकों की पहचान सतत तरीके से की जाती है, जिनके कार्य एक समान होते है । (स्तर एए)

3.2.5 अनुरोध पर परिवर्तन : सन्दर्भ में परिवर्तन केवल प्रयोगकर्ता के अनुरोध पर किए जाते हैं या ऐसे परिवर्तनों को बन्द करने के लिए एक यंत्रावली उपलब्ध है । (स्तर एएए)

मार्गदर्षिका 3.3 इनपुट सहायता : उपयोगकर्ताओं को त्रुटियां टालने और सुधारने में मदद करना.

3.3.1 त्रुटियों की पहचान : यदि यदि स्वचलित तरीके से एक इनपुट त्रुटि पता चलती है तो वह मद जो त्रुटि में है, उसकी पहचान हो जाती है और पाठ के रूप में प्रयोगकर्ता को त्रुटि का विवरण दे दिया जाता है । (स्तर ए)

3.3.2 लेबल या अनुदेश : जब सामग्री में प्रयोगकर्ता इनपुट की जरूरत होती है तब लेबल या अनुदे प्रदान किए जाते हैं । (स्तर ए)

3.3.3 त्रुटियों के लिए सुझाव : यदि एक इनपुट त्रुटि .स्वचलित रूप से पता चलती है और सुधार के लिए सुझाव ज्ञात हैं तो प्रयोगकर्ता को सुझाव प्रदान किए जाते हैं अन्यथा यह सामग्री के प्रयोजन या सुरक्षा को जोखिम में डाल देगा ।(स्तर एए)

3.3.4 त्रुटियों से बचाव (विधिक, वित्तीय, डाटा) : उन वेब पृष्ठों के लिए जिनमें प्रयोगकर्ता के लिए विधिक प्रतिबध्दता या वित्तीय व्यवहार किया जाना है जिससे डाटा भण्डार प्रणालियों में प्रयोगकर्ता नियंत्रित डाटा में संशोधन या विलोपन होता है तो निम्नलिखित में से कम से कम एक सही है : (स्तर एए)

  1. खण्डन योग्य : प्रस्तुतियॊ का खण्डन कर दिया जाता है ।

  2. जाँच : प्रयोगकर्ता द्वारा प्रविष्ट डाटा की इनपुट त्रुटियों के लिए जाँच की जाती है और प्रयोगकर्ता को उन्हें सुधारने का एक अवसर दिया जाता है ।

  3. पुष्टि : प्रस्तुतिकरण को अन्तिम रूप देने के पूर्व जानकारी की समीक्षा, पुष्टि तथा सुधार के लिए एक यंत्रावली उपलब्ध है ।

3.3.6 त्रुटियों से बचाव (सभी) : उन वेब पृष्ठों के लिए जिसमें उपयोगकर्ता को जानकारी प्रस्तुत करने की आवश्यकता है, निम्नलिखित में से कम से कम एक सही है : (स्तर एएए)

  1. खण्डन योग्य : प्रस्तुतियॊ का खण्डन कर दिया जाता है ।

  2. जाँच :प्रयोगकर्ता द्वारा प्रविष्ट डाटा की इनपुट त्रुटियों के लिए जाँच की जाती है और प्रयोगकर्ता को उन्हें सुधारने का एक अवसर दिया जाता है ।

  3. पुष्टि : प्रस्तुतिकरण को अन्तिम रूप देने के पूर्व जानकारी की समीक्षा, पुष्टि तथा सुधार के लिए एक यंत्रावली उपलब्ध है ।

सिध्दान्त 4 : दृढ़ता - सामग्री में पर्याप्त दृढ़ता होनी चाहिए ताकि सहायक प्रौद्योगिकियों सहित विविध उपयोगकर्ता एजेन्टो द्वारा विश्वसनीय रूप से इसकी व्याख्या की जा सके

मार्गदर्षिका 4.1 सुसंगतता : सहायक तकनीकों सहित वर्तमान और भावी प्रयोगकर्ता एजेन्टों के साथ अधिकतम सुसंगतता

4.1.1 पद विन्यास :जहां विषिष्टता में ये विषेषताएं शामिल हो, उसके अतिरिक्त संकेतन (मार्कअप) भाशा का प्रयोग करते हुए क्रियान्वित सामग्री में, तत्वों के प्रारंभ तथा अन्त में पूर्ण टेग होते हैं, उनके विषिष्टीकरण के अनुसार तत्व अन्त:प्रविश्ट होते हैं, तत्व दोहरी विषेषता नहीं रखते और कोई भी आईडी विषिष्ट होते हैं । (स्तर ए)

टिप्पणी : प्रारंभ और अन्त के टैग जो अपनी बनावट में एक महत्वपूर्ण अक्षर चूक जाते हैं, जैसे एक बन्द कोण का कोष्ठक या एक असंगत विषेषता के मान का प्रमाण चिन्ह पूर्ण नहीं हैं ।

4.1.2 नाम, भूमिका, मान : सभी प्रयोगकर्ता इन्टरफेस घटकों (प्रपत्र के तत्व, लिंक्स तथा स्क्रीप्टों से उत्पन्न घटकों सहित पर इन तक सीमित नहीं), नाम और भूमिका कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित की जा सकती है! स्थिति, विशेषता तथा मान जिन्हें प्रयोगकर्ता द्वारा निर्धारित किया जा सकता है, को कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित किया जा सकता है और इन मदों में परिवर्तन की सूचना सहायक प्रौद्योगिकियों, सहित उपयोगकर्ता एजेन्टों को उपलब्ध है । (स्तर ए)

टिप्पणी :यह सफलता का मानदण्ड प्रमुख रूप से वेब लेखकों के लिए है जो स्वयं के प्रयोगकर्ता इन्टरफेस घटकों को विकसित अथवा स्क्रिप्ट करते हैं । उदाहरण के लिए, विषिष्टताओं के अनुसार प्रयोग करने पर मानक एचटीएमएल नियंत्रण पहले ही इस सफलता मानदण्ड की पूर्ति करते हैं ।

अनुरुपता

यह भाग प्रामाणिक है ।

यह भाग डब्लुसीएजी २.० की अनुरुपता लिए आवश्यकताओं को सूचीबध्द करता है । यह इस बारे में भी जानकारी देता है कि किस प्रकार अनुरूपता दावे तैयार करना है, जो स्वैच्छिक हैं । अन्तत: यह वर्णित करता है कि सुलभता सहायक का क्या अर्थ है, क्योंकि प्रौद्योगिकियों को प्रयोग करने की सिर्फ सुलभता सहायक विधियाँ ही अनुरूपता के लिए विश्वसनीय है । सुलभता सहायक सिध्दान्त का अधिक विवरण Understanding Conformance पर दिया गया है ।

अनुरूपता के लिये आवश्यकताएं

एक वेब पृष्ठ को डब्लुसीएजी २.० के अनुरूप होने के लिए, निम्नलिखित समस्त अनुरूपता आवश्यकताएँ पूर्ण करनी चाहिए :

1. अनुरूपता स्तर : अनुरूपता के निम्न स्तरों में से एक पूरी तरह पूर्ण होना चाहिए:

  • स्तर ए: स्तर ए अनुरूपता के लिए (अनुरूपता का न्यूनतम स्तर),वेब पृष्ठ स्तर ए सफलता के मानदण्ड को पूरा करता है, या अनुरूपता का एक वैकल्पिक संस्करण दिया गया है ।

  • स्तर एए: स्तर एए अनुरूपता के लिए, वेब पृष्ठ स्तर ए तथा स्तर एए के सफलता मानदण्ड को पूरा करता है, या स्तर एए अनुरूपता का एक वैकल्पिक संस्करण दिया गया है ।

  • स्तर एएए: स्तर एएए अनुरूपता के लिए, वेब पृष्ठ स्तर ए, स्तर एए तथा स्तर एएए सफलता मानदण्ड को पूरा करता है, या स्तर एएए अनुरूपता का एक वैकल्पिक संस्करण दिया गया है ।

टिप्पणी 1: यद्यपि, अनुरूपता केवल वर्णित स्तरों पर ही अर्जित की जा सकती है, पर अनुरूपता के र्जित स्तर से ऊपर समस्त स्तरों के सफलता मानदण्ड प्राप्ति के दौरान किसी भी प्रगति को (अपने दावों में) सूचित करने के लिए लेखकों को प्रोत्साहित किया जाता है ।

टिप्पणी 2: यह सिफारिष नहीं की जाती कि सभी साइटों के लिए एक सामान्य नीति के रूप में स्तर एएए अनुरूपता प्राप्त की जानी चाहिए क्योंकि कुछ सामग्री के लिए एएए सफलता मानदण्ड के सभी स्तरों की पूर्ति संभव नहीं है ।

2. सम्पूर्ण पृष्ठ: अनुरूपता सिर्फ सम्पूर्ण वेब पृष्ठ(ष्ठों) के लिए है, और यदि वेब पृष्ठ के एक हिस्से को हटा दिया जाए तो इन्हें प्राप्त नहीं किया जा सकता ।

टिप्पणी 1: अनुरूपता निर्धारित करने के प्रयोजन के लिए, एक पृष्ठ की सामग्री के अंश के विकल्पों को पृष्ठ का अंश समझा जाता है जब विकल्पों को सीधे पृष्ठ से प्राप्त किया जा सकता है, जैसे एक लंबा विवरण या एक विडियो की वैकल्पिक प्रस्तुति ।

टिप्पणी 2: वेब पृष्ठों के लेखक जो लेखक के नियंत्रण से परे की सामग्री की वजह से अनुरूपता नहीं ला सकते, आंशिक अनुरूपता के विवरण पर विचार कर सकते हैं ।

3.पूर्ण प्रक्रियाएं: जब एक वेब पृष्ठ एक प्रक्रिया प्रस्तुत करती वेब पृष्ठों की एक श्रृँखला होती है (जैसे चरणों का एक क्रम जिन्हें एक गतिविधि पूर्ण करने के लिए पूरा किया जाना है ), तो प्रक्रिया में संलग्न सभी वेब पृष्ठ निर्दिष्ट स्तर या उससे बेहतर अनुरूपता लिए होते हैं । ( किसी विशिष्ट स्तर पर अनुरूपता संभव नहीं है, यदि प्रक्रिया का कोई पृष्ठ उस स्तर या उससे बेहतर अनुरूपता वाला नहीं है ।)

उदाहरण: एक ऑनलाईन स्टोर में पृष्ठों की एक श्रृँखला है जो उत्पादों के चयन तथा क्रय में प्रयोग किए जाते हैं । प्रारंभ से लेकर अन्त तक (चेकआउट) श्रृंखला में सभी पृष्ठ उस पृष्ठ के अनुरूप है जो अनुरूपता की प्रक्रिया का एक हिस्सा है ।

4. प्रौद्योगिकियों के प्रयोग की सिर्फ सुलभता-सहायक विधियाँ: प्रौद्योगिकियों के प्रयोग के लिए सफलता मानदण्डों की पूर्ति के लिए केवल सुलभता-सहायक विधियों को ही विष्वसनीय माना जाता है । कोई भी जानकारी या कार्यक्षमता जिसे एक ऐसी विधि से प्रस्तुत किया जाता है जो सुलभता सहायक नहीं है तो उसे ऐसी विधि से भी प्रस्तुत किया जाता है जो सुलभता सहायक है । (Understanding accessibility support देखें )

5. गैर-हस्तक्षेप यदि प्रौद्योगिकियों को ऐसी विधि से प्रयोग किया जाता है जो सुलभता-सहायक नहीं है, या उन्हें एक गैर-अनुरूपता वाली विधि से प्रयुक्त किया जाता है तब वे शेष पृष्ठ में प्रवेश करने संबंधी प्रयोगकर्ता की योग्यता को अवरूध्द नहीं करेगी । इसके अतिरिक्त, निम्नलिखित स्थितियों के अन्तर्गत वेब पृष्ठ समग्र रूप से अनुरूपता आवष्यकताओं को पूरा करता रहेगा :

  1. जब एक उपयोगकर्ता एजेन्ट में कोई प्रौद्योगिकी जो विष्वसनीय नहीं है, प्रारंभ की जाती है,

  2. जब एक उपयोगकर्ता एजेन्ट में कोई प्रौद्योगिकी जो विश्वसनीय नहीं है, बन्द की जाती है,  और

  3. जब एक उपयोगकर्ता एजेन्ट द्वारा ऐसी किसी प्रौद्योगिकी को सहायता नहीं मिलती, जो विश्वसनीय नहीं है

इसके अतिरिक्त, पृष्ठ पर सभी सामग्री पर निम्न सफलता मानदण्ड लागू होंगे, जिसमें वह सामग्री भी सम्मिलित है जो अन्यथा अनुरूपता प्राप्त करने के लिए विश्वसनीय नहीं है, क्योंकि इसकी पूर्ति में असफल होने से पृष्ठ के किसी भी उपयोग के साथ हस्तक्षेप हो सकता है:

  • 1.4.2 – ऑडियो नियंत्रण,

  • 2.1.2 – कोई कीबोर्ड ट्रेप नहीं,,

  • 2.3.1 – तीन फ्लेष या थ्रेषहोल्ड से कम,तथा

  • 2.2.2 – विराम, रोकना, छिपाना

टिप्पणी: यदि एक पृष्ठ अनुरूप नहीं हो सकता ( जैसे एक अनुरूपता परीक्षण पृष्ठ या एक उदाहरण पृष्ठ ), तो यह अनुरूपता के कार्यक्षेत्र या एक अनरूपता दावे में शामिल नहीं किया जा सकता ।

उदाहरण सहित, अधिक जानकारी के लिए, Understanding Conformance Requirements देखें।

अनुरूपता दावे(वैकल्पिक)

अनुरूपता को केवल वेब पृश्ठों के लिए परिभाषित किया गया है ।हांलाकि, एक पृष्ठ, पृश्ठों की एक श्रृंखला या विविधता संबध्द वेब पृश्ठों को षामिल करने के लिए एक अनुरूपता दावा किया जाएगा ।

अनुरूपता दावे के आवष्यक घटक

अनुरूपता दावों की जरूरत नहीं है| लेखक बिना दावा किए डब्लुसीएजी 2.0 के अनुरूप हो सकते हैं । हांलाकि, यदि एक अनुरूपता दावा किया गया है तो अनुरूपता दावे में निम्न जानकारी अवष्य होना चाहिए :

  1. दावे की तारीख

  2. निर्देषिकाओं का षीर्शक, संस्करण तथा यूआरआय "वेब कन्टेन्ट एक्सेसीबिलिटी गाइडलाईन्स 2.0 http://www.w3.org/TR/2008/REC-WCAG20-20081211/ पर"।

  3. अनुरुपता स्तर प्राप्त:( स्तर ए, एए या एएए)

  4. वेब पृष्ठों का एक संक्षिप्त विवरण, जैसे यूआरआय की एक सूची जिसके लिए दावा किया गया है, तथा यह भी कि उपप्रक्षेत्र का नाम दावे में षामिल किया है|

    टिप्पणी 1 : वेब पृष्ठों को एक सूची से वर्णित किया जा सकता है या एक अभिव्यक्ति से जो दावे में षामिल सभी यूआरआय का वर्णन करती है ।

    टिप्पणी 2 :वेब आधारित ऐसे उत्पाद जिनका ग्राहक की वेब साईट पर इंस्टालेषन के पहले यूआरआय नहीं होता, एक विवरण दे सकते हैं कि इंस्टाल किया जाने पर उत्पाद अनुरूप होगा ।

  5. विष्वसनीय वेब विशय वस्तु प्रौद्योगिकियों की एक सूची ।

टिप्पणी: यदि एक अनुरूपता लोगो प्रयुक्त किया गया है तो यह एक दावा निर्मित करेगा, और इसके साथ अनुरूपता दावे के लिए ऊपर सूचीबध्द आवष्यक घटकों को संलग्न किया जाना चाहिए।

अनुरूपता दावे के वैकल्पिक घटक

ऊपर वर्णित अनुरूपता दावे के आवष्यक घटकों के अतिरिक्त, उपयोगकर्ताओं की सहायता के लिए अतिरिक्त जानकारी प्रदान करने पर भी विचार करें । सिफारिष की गई अतिरिक्त जानकारी में षामिल है :-

  • अनुरूपता स्तर से ऊपर के सफलता मानदण्ड की एक सूची जिन्हें अर्जित करने का दावा है । यह जानकारी एक प्रपत्र में दी जाना चाहिए जिसे प्रयोगकर्ता प्रयोग कर सके, विषेष तौर पर मषीन द्वारा पठन योग्य डाटा प्रपत्र ।

  • विषिष्ट प्रौद्योगिकियों की एक सूची जो "प्रयोग की जाती है परन्तु विष्वसनीय नहीं है |"

  • प्रयोगकर्ता एजेन्ट्स की एक सूची, जिसमें सहायक प्रौद्योगिकियां षामिल है जिन्हें विशयवस्तु के परीक्षण के लिए प्रयुक्त किया गया था ।

  • की गई अन्य कार्यवाही के बारे में जानकारी जो सुलभता बढ़ाने के सफलता मानदण्ड से परे हो ।

  • विष्वसनीय विषिष्ट प्रौद्योगिकियों की सूची का एक मषीन द्वारा पठन योग्य मेटाडाटा संस्करण ।

  • अनुरूपता दावे का एक मषीन द्वारा पठन योग्य मेटाडाटा संस्करण ।

टिप्पणी 1: अनुरूपता दावों के उदाहरण तथा अधिक जानकारी के लिए Understanding Conformance Claims देखें ।

टिप्पणी 2: अनुरूपता दावों में मेटाडाटा के प्रयोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें Understanding Metadata

आंशिक अनुरूपता के विवरण - तृतीय पक्ष सामग्री

कभी कभी, वेब पृष्ठ तैयार किए जाते हैं जिनमें बाद में अतिरिक्त विशय वस्तु जोड़ी जाती है । उदाहरण के लिए, एक ई-मेल कार्यक्रम, एक ब्लॉग, एक लेख में जिसमें प्रयोगकर्ताओं को अपनी टिप्पणी जोड़ने की अनुमति दी जाती है, या ऐसे प्रयोग जिनमें प्रयोगकर्ता द्वारा प्रदत्त विषयवस्तु ली जाती है ।इसका दूसरा उदाहरण एक पृश्ठ होगा, जैसे कि एक पोर्टल या एक समाचार साईट, जो विविध व्यक्तियों द्वारा किए गए योगदान से प्राप्त विषय वस्तु से तैयार हुई है, या साईट जिनमें स्वचलित रूप से दूसरे स्त्रोतों से एकत्रित विषयवस्तु समावेषित होती रहती है, जैसे कि विज्ञापन प्रविष्ट किए जाते हैं ।

इन मामलों में, प्रारंभिक पोस्टिंग के समय यह जानना संभव नहीं होता कि पृष्ठों की अनियंत्रित विशयवस्तु क्या होगी । यह जानना महत्वपूर्ण है कि अनियंत्रित विशयवस्तु, नियंत्रित विषयवस्तु की सुलभता को भी प्रभावित कर सकती है । दो विकल्प उपलब्ध है :

  1. सर्वोत्तम जानकारी के आधार पर अनुरूपता का निर्धारण किया जा सकता है । यदि इस प्रकार के एक पृष्ठ पर निगरानी रखी जाए और दो व्यवसायिक दिनों के भीतर उसकी मरम्मत ( गैर-अनुरूप सामग्री को हटाया जाए या उसे अनुरूप बनाया जाए) की जाए, फिर अनुरूपता का एक निर्धारण या दावा किया जाए, क्योकि बाहर से योगदान की गई विषयवस्तु की त्रुटियों को छोड़कर जिसे सुधारा गया है या हटाया गया है, तब यह पृष्ठ अनुरूप हो जाता है । गैर-अनुरूपता की विषयवस्तु की निगरानी या उसे सही करना संभव नहीं हो तो कोई अनुरूपता का दावा नहीं किया जा सकता है,

    या

  2. एक "आंषिक अनुरूपता का विवरण" तैयार किया जा सकता है कि पृष्ठ अनुरूप नहीं है परन्तु यदि कुछ हिस्से हटा लिए जाते हैं तो यह अनुरूप हो सकता है । इस विवरण का प्रारूप होगा, "यह पृष्ठ अनुरूप नहीं है, परन्तु यह स्तर X पर डब्लुसीएजी २.० के अनुरूप होगा यदि निम्नलिखित हिस्सों को अनियंत्रित स्त्रोंतों से निम्नलिखित हिस्सों को हटा लिया जाएगा ।" इसके अतिरिक्त, आंषिक अनुरूपता के विवरण में वर्णित अनियंत्रित विशयवस्तु के संबंध में निम्नलिखित भी सही होगा :

    1. यह विषयवस्तु नहीं है जो लेखक के नियंत्रण में है ।

    2. यह एक ऐसी विधि से वर्णित की जा सकती है कि प्रयोगकर्ता पहचान कर सकते हैं । (उदाहरण के लिए वे इस तरह वर्णित नहीं किए जा सकते कि "सभी हिस्से जिन्हें हम नियंत्रित नहीं करते" जब तक कि वे इसके लिए स्पष्ट चिन्हित नहीं हो ।)

आंषिक अनुरूपता का विवरण - भाशा

जब पृश्ठ अनुरूप नहीं हो परन्तु यदि पृष्ठ पर प्रयोग की गई (सभी) भाशा(ओं) के लिए सुलभता सहायता उपलब्घ होने पर यह अनुरूप हो सकता है, तो ऐसी स्थिति में "भाशा की वजह से आंषिक अनुरूपता का एक विवरण" तैयार किया जा सकता है । इस विवरण का प्रारूप होगा,"यह पृष्ठ अनुरूप नहीं है, परन्तु यह स्तर X पर डब्लुसीएजी २.० के अनुरूप होगा यदि निम्नलिखित भाशाओं के लिए सुलभता सहायता उपलब्ध है :"

परिषिष्ट ए : षब्दकोश

यह भाग प्रामाणिक है ।

संक्षिप्त रूप

एक षब्द, वाक्य या नाम का संक्षिप्त रूप जहां संक्षिप्त रूप भाशा का हिस्सा नहीं बनता है ।

टिप्पणी 1: इसमें संक्षिप्त अक्षर (इनिषियलिजम्स) तथा परिवर्णी षब्द (एक्रोनिम) षामिल हैं जहां :

  1. इनिषियलिजम्स (संक्षिप्त अक्षर) एक नाम या वाक्यांष के संक्षिप्त रूप हैं जो उस नाम या वाक्यांष में निहित षब्दों या शब्दांष के प्रारंभिक अक्षरों से बनते हैं ।

    टिप्पणी 1 : सभी भाशाओं में परिभाशित नहीं ।

    उदाहरण 1 : SNCF एक फ्रेंच इनिषियलिजम हैं जिसमें Société Nationale des Chemins de Fer, फ्रेंच राश्ट्रीय रेलरोड, के प्रारंभिक अक्षर षामिल किए गए हैं ।

    उदाहरण 2 : extrasensory perception के लिए ESP एक इनिषियलिजम है ।

  2. परिवर्णी षब्द (एक्रोनिम्स) दूसरे षब्दों ( एक नाम या वाक्यांष में ) के प्रारंभिक अक्षरों या हिस्सों से बने संक्षिप्त रूप होते हैं जिन्हें एक षब्द के रूप में उच्चारित किया जा सकता है ।

    उदाहरण :संयुक्त राश्ट्र में National Oceanic and Atmospheric Administration के प्रारंभिक अक्षरों से बना एक परिवर्णी षब्द (एक्रोनिम) NOAA है ।

टिप्पणी 2 : इनषियलिजम के लिए जो प्रयोग किया जाता है, उसे कुछ कंपनियों ने अपनी कंपनी के नाम के रूप में अपनाया है । इन मामलों में, कंपनी का नया नाम वे अक्षर हो जाते हैं (उदाहरण के लिए Ecma) तथा फिर इस षब्द को संक्षिप्त रूप नहीं समझा जाता ।

सुलभता सहायक

प्रयोगकर्ता की सहायक प्रोद्योगिकियों द्वारा समर्थित तथा इसके साथ ब्राउषर्स तथा अन्य उपयोगकर्ता एजेन्टों में सुलभता की विषेशताएं

एक वेब विशयवस्तु प्रौद्योगिकी के सुलभता सहायक प्रयोग के रूप में अर्हक होने के लिए (अथवा एक प्रोद्योगिकी की विषेशता), वेब विशयवस्तु प्रोद्योगिकी (या विषेशता) के लिए 1 और 2, दोनो पूर्ण होने चाहिए :

  1. वह विधि, जिसके अनुसार वेब विशयवस्तु प्रौद्योगिकी प्रयोग की जा रही है, उपयोगकर्ता सहायक प्रौद्योगिकी (एटी-असीस्टिव टेक्नॉलाजी) द्वारा आवष्यक रूप से समर्थित होनी चाहिए । इसका अर्थ यह है कि प्रौद्योगिकी के प्रयोग की विधि, विशयवस्तु की मानवीय भाशा(ओं) में प्रयोगकर्ता की सहायक प्रौद्योगिकी के साथ परस्पर प्रयोग के लिए जांची गई है ।

    और

  2. वेब विशयवस्तु प्रोद्योगिकी में सुलभता सहायक प्रयोगकर्ता एजेन्ट होने चाहिए जो प्रयोगकर्ता को उपलब्ध होने चाहिए। इसका अर्थ यह है कि निम्न 4 कथनों में से कम से कम एक कथन सही है :

    1. यह प्रौद्योगिकी आन्तरिक रूप से व्यापक आधार पर वितरित प्रयोगकर्ता एजेन्टों द्वारा समर्थित है जो सुलभता सहायक भी है । ( जैसे एचटीएमएल तथा सीएसएस)

      या

    2. प्रौद्योगिकी को व्यापक-वितरित प्लग-इन में भी समर्थन प्राप्त है जो सुलभता सहायक भी है,

      या

    3. विशयवस्तु एक सीमित परिवेष, जैसे एक विष्वविद्यालय या कार्पोरेट नेटवर्क में उपलब्ध है, जहां प्रौद्योगिकी द्वारा आवष्यक तथा संगठन द्वारा प्रयुक्त प्रयोगकर्ता एजेन्ट भी सुलभता सहायक है,

      या

    4. विशयवस्तु एक सीमित परिवेष, जैसे एक विष्वविद्यालय या कार्पोरेट नेटवर्क में उपलब्ध है, जहां प्रौद्योगिकी द्वारा आवष्यक तथा संगठन द्वारा प्रयुक्त प्रयोगकर्ता एजेन्ट भी सुलभता सहायक है,

      • एक अक्षमता वाले व्यक्ति को, बिना अक्षमता वाले व्यक्ति से अधिक मूल्य न चुकाना पड़े और

      • इसे तलाष करना अक्षमता वाले व्यक्ति के लिए उतना ही सरल हो जितना कि एक बिना अक्षमता वाले व्यक्ति के लिए हो ।

टिप्पणी 1: डब्लुसीएजी कार्यकारी समूह तथा डब्लु3सी यह निर्दिश्ट नहीं करते कि एक वेब प्रोद्योगिकी के विषिष्ट प्रयोग के लिए, इसे सुलभता सहायक के रूप में वर्गीकृत करने के लिए कौन सी या कितनी सहायता होना चाहिए । (Level of Assistive Technology Support Needed for "Accessibility Support"  देखें।)

टिप्पणी 2: वेब प्रौद्योगिकियों को ऐसी विधियों से प्रयुक्त किया जा सकता है जो सुलभता सहायक नहीं हैं जब तक कि वे विष्वसनीय नहीं हो और वह पृष्ठ, समग्र रूप से अनुरूपता आवश्यकताओं की पूर्ति करता हो, जिसमें अनुरूपता के लिये आवश्यकताएं 4: प्रौद्योगिकियों के प्रयोग की सिर्फ सुलभता -सहायक विधियाँ तथा अनुरूपता के लिये आवश्यकताएं 5: गैर-हस्तक्षेप, की पूर्ति हो ।

टिप्पणी 3: जब एक वेब प्रौद्योगिकी को एक ऐसी विधि से प्रयोग किया जाता है जो ''सुलभता सहायक'' है, तो इसका यह अर्थ नहीं है कि समूची प्रौद्योगिकी या प्रौद्योगिकी के सभी प्रयोग समर्थित हैं । एचटीएमएल सहित अधिकतर प्रोद्योगिकियों में, कम से कम एक विशेषता या प्रयोग की कमी रहती है । पृष्ठ, डब्लुसीएजी के अनुरूप तभी होंगे जब प्रौद्योगिकी के प्रयोग सुलभता सहायक और डब्लुसीएजी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विश्वसनीय होंगे ।

टिप्पणी 4 : ऐसी वेब विशयवस्तु प्रौद्योगिकियों को उध्दत करते समय, जिनके विविध संस्करण हैं, सहायता प्राप्त संस्करण (णों) अवष्य निर्दिश्ट करना चाहिए।

टिप्पणी 5 : लेखकों के लिए एक प्रौद्योगिकी के ऐसे प्रयोग, जो सुलभता सहायक हैं, जानने का एक तरीका यह होगा कि वे उन प्रयोगों के संकलन देखें जो सुलभता सहायक के रूप में लिखे गए हैं । Understanding Accessibility-Supported Web Technology Uses देखें । ) वेब विषयवस्तु के प्रयोग की सुलभता-सहायक विधियों को लेखक, कंपनियां, प्रौद्योगिकी विक्रेता या अन्य व्यक्ति लिपिबध्द कर सकते हैं । हांलाकि, दस्तावेजीकरण में प्रौद्योगिकी के प्रयोग के सभी तरीकों को सुलभता सहायक वेब विषयवस्तु प्रौद्योगिकी की उपरोक्त परिभाषा के अनुरूप होना चाहिए ।

समय आधारित मीडिया के लिए विकल्प

समय-आधारित दृष्य और श्रृव्य जानकारी के ठीक क्रम से जमे पाठ विवरणों सहित दस्तावेज तथा किसी भी समय-आधारित व्यवहार के परिणाम अर्जित करने के उपाय प्रदान करना

टिप्पणी : क्रमबध्द मीडिया विशयवस्तु तैयार करने के लिए प्रयुक्त स्क्रीनप्ले इस परिभाषा के अनुरूप तब ही होगा यदि उसे सुधार के बाद अन्तिम क्रमबध्द मीडिया की सूक्ष्म प्रस्तुति के लिए सुधारा गया हो ।

साधारण तौर पर प्रयोगकर्ताओं को अस्पश्टता

लिंक से प्रयोजन निर्धारित नहीं किया जा सकता और वेब पृष्ठ की सारी जानकारियां प्रयोगकर्ताओं को लिंक के साथ ही प्रस्तुत कर दी गई है । ( अर्थात, बिना अक्षमताओं वाले पाठक जब तक उसे एक्टीवेट नहीं कर लेते, वे यह नहीं जान सकेंगें कि एक लिंक क्या कार्य करती है ।)

उदाहरण : निम्नलिखित वाक्य में अमरूद षब्द '' प्रसिध्द निर्यातों में से एक अमरूद है '' एक लिंक हैं । इस लिंक को अमरूद की परिभाशा, निर्यात किए गए अमरूद की मात्रा बताने वाले एक चार्ट या अमरूद की खेती कर रहे लोगों के एक चित्र की ओर ले जाना चाहिए । जब तक लिंक एक्टीवेट नहीं कर दी जाती, तब तक सभी पाठक अनिष्चित रहेंगें और अक्षमता वाले व्यक्ति को कोई घाटा नहीं होगा ।

एएससीआयआय आर्ट

अक्षरों या वर्णो के स्थानिक प्रबंधन से तैयार चित्र ( परंपरागत रूप से एएससीआयआय द्वारा परिभाषित 95 छपाई योग्य अक्षरों द्वारा )

सहायक प्रौद्योगिकी ( इस दस्तावेज में किए प्रयोग के अनुसार )

कार्यक्षमता विकसित करने के लिए हार्डवेयर और / या सॉफ्टवेयर एक प्रयोगकर्ता एजेन्ट के रूप में, या एक मुख्य धारा के प्रयोगकर्ता एजेन्ट के साथ अक्षमताओं वाले प्रयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए, जो मुख्यधारा के प्रयोगकर्ता एजेन्टों द्वारा प्रस्तुत सुविधाओं से अधिक है, कार्य करता है ।

टिप्पणी 1 :सहायक प्रौद्योगिकी द्वारा प्रदत्त कार्यक्षमता में शामिल है वैकल्पिक प्रस्तुतियाँ (उदाहरण के लिए संश्लेषित व्याख्यान या आवर्धित विषयवस्तु ), वैकल्पिक इनपुट विधियाँ (उदाहरण के लिए ध्वनि), अतिरिक्त गतियाँ या अभिविन्यास यंत्रावलियाँ, तथा विषयवस्तु रूपान्तरण (उदाहरण के लिए तालिकाओं को अधिक सुलभ बनाना ) ।

टिप्पणी 2: सहायक प्रौद्योगिकियाँ बहुदा मुख्य धारा के उपयोगकर्ता एजेन्टों के साथ APIs की निगरानी तथा प्रयोग से आंकड़े तथा सन्देश प्रसारित करती है ।

टिप्पणी 3: मुख्य धारा के एजेन्टों और सहायक प्रौद्योगिकियों के बीच अन्तर परिशुध्द नहीं है । अनेक मुख्यधारा के प्रयोगकर्ता एजेन्ट अक्षम व्यक्तियों की मदद के लिए कुछ विशेषताएँ प्रदान करते हैं । बुनियादी अन्तर यह है कि मुख्यधारा के प्रयोगकर्ता एजेन्टों का लक्ष्य विस्तारित और विविधता वाले श्रोता होते हैं जिनमें आमतौर पर अक्षमताओं के साथ और उसके बिना रहने वाले लोग शामिल रहते हैं । सहायक प्रौद्योगिकियाँ कुछ विशिष्ट अक्षमताओं के साथ रहने वाले उपयोगकर्ताओं की सीमित जनसंख्या पर केन्द्रित रहती हैं । एक सहायक प्रौद्योगिकी द्वारा प्रदान किया गया सहयोग लक्षित उपयोगकर्ताओं की जरूरत के अनुसार अधिक विशिष्ट और उपयुक्त होता है । मुख्य धारा के प्रयोगकर्ता एजेन्ट सहायक प्रौद्योगिकियों को महत्वपूर्ण कार्यक्षमता प्रदान करते है जैसे कार्यक्रम उद्देश्यो की वेब सामग्री में सुधार या पहचान योग्य बण्डलों में पदच्छेदन चिन्ह लगाना ।

उदाहरण :सहायक प्रौद्योगिकियों में, जो इस दस्तावेज के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण हैं, निम्नलिखित शामिल है :

  • स्क्रीन आवर्धक तथा अन्य दृश्य तथा पठन सहायक, जिन्हें प्रस्तुत पाठ और छबियों की आभासी पठनीयता में सुधार हेतु दृष्टि, समझ, भौतिक प्रिन्ट की अक्षमताओं वाले व्यक्तियों द्वारा पाठ के फॉन्ट, आकार, स्पेसिंग, रंग तथा वर्णनात्मकता सहित व्याख्यान आदि में परिवर्तन के लिए प्रयोग किया जाता है :

  • स्क्रीन रीडर्स, जिनका प्रयोग पाठकृत जानकारी को संश्लेषित व्याख्यान अथवा ब्रेल के माध्यम से पढ़ने के लिए उन लोगों के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है जो नेत्रहीन है ।

  • पाठ-से-व्याख्यान (टेक्स्ट-टू-स्पीच) सॉफ्टवेयर, जिसका प्रयोग पाठ को संश्लेषित व्याख्यान में परिवर्तित करने के लिए संज्ञानात्मक, भाषा, और सीखने की अक्षमताओं वाले कुछ लोगों द्वारा किया जाता है ।

  • स्पीच रिकग्निशन सॉफ्टवेयर, जिसका उपयोग उन लोगों द्वारा किया जा सकता है जिन्हें कुछ शारीरिक अक्षमताएँ हैं |

  • वैकल्पिक कीबोर्ड, जिनका प्रयोग बनावटी कीबोर्ड के लिए (जिसमें वैकल्पिक कीबोर्ड जैसे हेड पाइन्टर्स, एकल स्विच, सिप/पफ तथा अन्य विशेष इनपुट उपकरण भी शामिल हैं ।) कुछ निश्चित शारीरिक अक्षमताओं वाले व्यक्तियों द्वारा किया जाता है ।

  • वैकल्पिक पॉइन्टींग उपकरण, जिनका प्रयोग बनावटी माउस पॉइन्टींग तथा बटन क्रियाओं के लिए कुछ निश्चित शारीरिक अक्षमताओं वाले व्यक्तियों द्वारा किया जाता है ।

ऑडियो

ध्वनि पुर्न:उत्पादन की तकनीक ।

टिप्पणी :ध्वनि संश्लेषित विधि से, वास्तविक दुनिया की ध्वनियों से, या दोनो से निर्मित की जा सकती है ।

ऑडियो विवरण

ऐसे महत्वपूर्ण दृश्यो के विवरण के लिए साउण्डट्रॅक के साथ जोड़े गए कथन, जो केवल प्रमुख साउण्डट्रॅक से नहीं समझे जा सकते ।

टिप्पणी 1 : विडियो का ऑडियो विवरण एक्शन, चरित्र, दृश्य परिवर्तन, स्क्रीन पर प्रस्तुत पाठ तथा अन्य आभासी विषयवस्तु के बारे में जानकारी प्रदान करता है ।

टिप्पणी 2 : मानक ऑडियो विवरण में, संवाद में विद्यमान विरामों के दौरान विवरण को जोड़ा जाता है । ( विस्तारित ऑडियो विवरण भी देखें|)

टिप्पणी 3: जहाँ समस्त विडियो जानकारी पूर्व से ही प्रदान कर दी गई है, वहाँ किसी अतिरिक्त ऑडियो विवरण की आवश्यकता नहीं है ।

टिप्पणी4: "विडियो विवरण" तथा "विवरणात्मक व्याख्या" भी कहते है ।

केवल-ऑडियो

एक समय आधारित प्रस्तुतिकरण जिसमें सिर्फ ऑडियो होता है । (कोई विडियो नहीं तथा कोई परस्पर संवाद नहीं )

टिमटिमाना

दो आभासी स्थितियों के बीच बन्द होना और फिर चालु होना जिसका उद्देश्य ध्यान आकर्षित करना है ।

टिप्पणी : फ्लॅश भी देखें । किसी वस्तु के लिए पर्याप्त रूप से बड़ा होना और सही अन्तर के साथ पर्याप्त चमक के साथ टिमटिमाना संभव है, जिसे फ्लॅश के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है ।

पाठ के ब्लॉक

पाठ के एक वाक्य से अधिक ।

CAPTCHA (केपचा )

"Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart" के लिए एक इनिशियलिजम (संक्षिप्त अक्षर) ।

टिप्पणी 1: केपचा परीक्षण में अक्सर प्रयोगकर्ता से उस पाठ को टाइप करने के लिए कहा जाता है जो एक अस्पष्ट छबि या ऑडियो फाईल में दिखाया जाता है ।

टिप्पणी 2: एक टयूरिंग परीक्षण, परीक्षणों की ऐसी प्रणाली है जो मनुष्य तथा एक कम्प्यूटर में अन्तर करने के लिए बनायी गई है । इसका नामकरण प्रसिध्द कम्प्यूटर वैज्ञानिक एलन टयूरिंग के नाम पर रखा गया है । यह शब्द कारनेगी मेलॉन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा गढ़ा गया था । [केपचा]

शीर्षक

विषयवस्तु को समझने के लिए जरूरी व्याख्यान तथा गैर व्याख्यान ऑडियो जानकारी के लिए समकालिक दृश्य और / या पाठ विकल्प

टिप्पणी 1: शीर्षक, सिर्फ-संवाद उपशीर्षक के समान हैं, उन शीर्षकों को छोड़कर, जो न केवल बोले गए संवाद की विषयवस्तु परन्तु गैर-संवाद ऑडियो जानकारी के लिए समकक्ष जानकारी भी सूचित करते है जो कार्यक्रम की विषयवस्तु को समझने के लिए आवशक होती है जिसमें ध्वनि प्रभाव, संगीत, हास्य, वक्ता की पहचान तथा स्थिति भी शामिल है ।

टिप्पणी 2: बन्द शीर्षक समकक्ष हैं जिन्हें कुछ प्लेयर्स के साथ चालु और बन्द किया जा सकता है ।

टिप्पणी 3: खुले शीर्षक वे शीर्षक हैं जिन्हें बन्द नहीं किया जा सकता । उदाहरण के लिए, यदि शीर्षक दृश्य के समकक्ष विडियो में उभरे पाठ की छबियाँ हैं ।

टिप्पणी 4: शीर्षकों को विडियों में संबध्द जानकारियों को धूँधला या बाधित नहीं करना चाहिए ।

टिप्पणी 5: कुछ देशो में शीर्षकों को उपशीर्षक भी कहा जाता है ।

टिप्पणी 6: ऑडियों विवरणों को शीर्षक दिए जा सकते हैं परन्तु उन्हें देने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे उन जानकारियों का विवरण देते हैं जिन्हें पहले ही दृश्य में प्रस्तुत किया जा चुका है ।

सन्दर्भ में परिवर्तन

वेब पृष्ठ की विषय वस्तु में प्रमुख परिवर्तन यदि प्रयोगकर्ता की जागरूकता के बिना किए जाते हैं तो वे प्रयोगकर्ता को भ्रमित कर सकते हैं जो पूरे पृष्ठ को एक साथ नहीं देख सकता है ।

सन्दर्भ में परिवर्तनों में षामिल हैं :

  1. प्रयोगकर्ता एजेन्ट |;

  2. व्यूपोर्ट (प्रेक्षक अभिप्राय) |

  3. फोकस |

  4. विशयवस्तु जो वेबपृष्ठों का अर्थ बदल दे ।

टिप्पणी: विशयवस्तु में होने वाले एक परिवर्तन से हमेषा सन्दर्भ में परिवर्तन नहीं होता है । विशयवस्तु में परिवर्तन, जैसे एक रूपरेखा का विस्तार, गतिक मेनू या एक टेब कन्ट्रोल आवष्यक रूप से सन्दर्भ में परिवर्तन नहीं करते जब तक कि वे उपरोक्त में से किसी एक में परिवर्तन नहीं करें । (जैसे फोकस )

उदाहरण : एक नई विण्डों खोलना, एक विभिन्न घटक की ओर फोकस करना, एक नवीन पृष्ठ पर जाना (इनमें वह हर चीज षामिल है जिससे प्रयोगकर्ता को ऐसा लगे कि वे एक नवीन पृष्ठ पर गए हैं) या महत्वपूर्ण तरीके से एक पृश्ठ की विशयवस्तु को पुर्न:व्यवस्थित करना सन्दर्भ में परिवर्तन के उदाहरण हैं ।

अनुरूपता

एक प्रस्तुत मानक, मार्गदर्षिका या विषिश्टताओं की समस्त आवष्यकताओं को पूरा करना ।

वैकल्पिक संस्करण के अनुरूप होना

एक संस्करण जो

  1. निर्दिश्ट स्तर के अनुरूप है,और

  2. समान जानकारी तथा कार्यक्षमता को समान मानवीय भाशा में पूर्ण रूप से प्रस्तुत करना, तथा

  3. यह इसी प्रकार अद्यतन है जैसे कि गैर-अनुरूप विशयवस्तु हे, तथा

  4. जिसके लिए निम्न में से कम से कम एक सही है

    1. गैर-अनुरूपता वाले पृष्ठ से एक सुलभता-सहायक यंत्रावली के माध्यम से अनुरूपता संस्करण पर पहुँचा जा सकता है, या

    2. गैर-अनुरूपता वाले संस्करण पर सिर्फ अनुरूपता वाले संस्करण से ही पहुंचा जा सकता है, या

    3. गैर-अनुरूपता वाले संस्करण पर केवल एक अनुरूपता वाले पृश्ठ से ही पहुंचा जा सकता है जो अनुरूपता वाले संस्करण पर पहुंचने के लिए एक यंत्रावली भी प्रदान करता है ।

टिप्पणी 1: इस परिभाशा में, '' से ही पहुँचा जा सकता है '' का अर्थ यह है कि कुछ यंत्रावली है, जैसे कि एक षर्तपूर्ण वापसी, जो प्रयोगकर्ता को गैर-अनुरूपता वाले पृष्ठ पर ''पहुंचने'' (लोडिंग) से रोकती है जब तक कि प्रयोगकर्ता तत्काल अनुरूपता वाले संस्करण से न आया हो ।

टिप्पणी 2 : वैकल्पिक संस्करण को मूल पृष्ठ के लिए संगत पृष्ठ होने की आवष्यकता नहीं है (उदाहरण अनुरूपता वाला वैकल्पिक संस्करण विविध पृश्ठों वाला हो सकता है )

टिप्पणी 3 : यदि विविध भाशा के संस्करण उपलब्ध है, तो अनुरूपता वाले वैकल्पिक संस्करण प्रत्येक प्रस्तुत भाशा के लिए आवष्यक होंगें ।

टिप्पणी 4 : विभिन्न प्रौद्योगिक परिवेष या प्रयोगकर्ता समूहों को समायोजित करने के लिए वैकल्पिक संस्करण प्रदान किए जा सकते हैं । प्रत्येक संस्करण को यथासंभव अधिक से अधिक अनुरूप होना चाहिए । अनुरूपता के लिये आवश्यकताएं1 की पूर्ति के लिए एक संस्करण को पूर्ण अनुरूप होने की जरूरत होगी ।

टिप्पणी 5: अनुरूपता वाले वैकल्पिक संस्करण के अनुरूपता के कार्यक्षेत्र या उसी वेबसाईट पर स्थित होने की जरूरत नहीं है जब तक कि वह गैर-अनुरूपता वाले संस्करण के रूप में मुक्त रूप से उपलब्ध है ।

टिप्पणी 6 : वैकल्पिक संस्करणों को पूरक विशयवस्तु के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए, जो मूल पृश्ठ के लिए सहायक रहती है और व्यापकता को बढ़ाती है ।

टिप्पणी 7 : एक अनुरूपता संस्करण तैयार करने के लिए प्रयोगकर्ता की पसन्दगियों को विशयवस्तु के भीतर ठीक करना, दूसरे संस्करण पर पहुंचने के लिए एक स्वीकार्य यंत्रावली है जब तक कि पसन्दगियों को ठीक करने के लिए प्रयुक्त विधि सुलभता सहायक है |

Understanding Conforming Alternate Versions देखें ।

विषयवस्तु (वेब विषय वस्तु )

एक प्रयोगकर्ता एजेन्ट की मदद से जानकारी तथा संवेदनषील अनुभव को प्रयोगकर्ता को सूचित किया जाना है जिसमें कूट या मार्कअप षामिल है जो विशयवस्तु की संरचनामार्कअप शामिल है जो विषयवस्तु की संरचना, प्रस्तुतिकरण तथा आपसी संवाद निर्धारित करती है ।

सन्दर्भ-संवेदी सहायता

पाठ में सहायक है जो वर्तमान में निश्पादित कार्यो से संबंधित जानकारी प्रदान करता है ।

टिप्पणी : स्पश्ट लेबल्स सन्दर्भ-संवेदी सहायता के रूप में कार्य कर सकते हैं ।

कान्ट्रॉस्ट अनुपात

(L1 + 0.05)/ (L2 + 0.05) , जहां

टिप्पणी 1 : कान्ट्रॉस्ट का अनुपात 1 से 21 तक हो सकता है । (साधारणत: इसे 1:1 से 21:1 लिखा जाता है )

टिप्पणी 2 : चूंकि लेखकों का प्रयोगकर्ता की सेटिंग्स पर कोई नियंत्रण नहीं रहता कि पाठ को किस तरह प्रस्तुत किया जाना है (उदाहरण के लिए फॉन्ट को सुगम बनाना या एन्टी-एलियासिंग (ग्राफिक्स तथा पाठ को पढने के लिए आसान तथा आकर्शक बनाना), पाठ के लिए कान्ट्रॉस्ट के अनुपात का मूल्यांकन एन्टी-एलियासिंग बन्द कर किया जा सकता है ।

टिप्पणी 3: सफलता मानदण्ड 1.4.3 तथा 1.4.5 के प्रयोजन के लिए, कान्ट्रॉस्ट को निर्दिष्ट पृष्ठभूमि के अनुसार मापा जाता है जिस पर पाठ को सामान्य प्रयोग के लिए प्रस्तुत किया गया है । यदि पृश्ठभूमि का कोई रंग निर्दिश्ट नहीं किया गया है तो इसे सफेद मान लिया जाता है ।

टिप्पणी 4 : पृष्ठभूमि का रंग विशयवस्तु का वह निर्दिश्ट रंग होता है जिसके ऊपर सामान्य प्रयोग के लिए पाठ को प्रस्तुत किय जाता है । यह एक विफलता है यदि कोई पृष्ठभूमि रंग निर्दिष्ट नहीं किया गया है, जब कि पाठ का रंग निर्दिश्ट किया गया है, क्योंकि प्रयोगकर्ता का निर्धारित पृष्ठभूमि रंग ज्ञात नहीं है और पर्याप्त कान्ट्रॉस्ट के लिए इसे मापा नहीं जा सकता । इसी कारण से, यह एक विफलता है यदि पाठ का कोई रंग निर्दिष्ट नहीं किया गया है जबकि पृश्ठभूमि रंग निर्दिश्ट किया गया है ।

टिप्पणी 5 : जब अक्षरों के आसपास एक बार्डर होती है तो बार्डर कान्ट्रॉस्ट को बढ़ा सकती है और अक्षरों और इनकी पृश्ठभूमि के बीच कान्ट्रॉस्ट की गणना में इसका प्रयोग किया जाएगा । अक्षर के आस पास एक संकरी बार्डर को अक्षर के रूप में प्रयोग किया जाएगा । अक्षर के आस पास एक चौड़ी बार्डर, जो अक्षरों के आन्तरिक स्थान को भरती है एक तेजोमण्डल का कार्य करती है और इसे पृश्ठभूमि समझा जाएगा ।

टिप्पणी 6 : डब्लुसीएजी अनुरूपता को विशयवस्तु में निर्दिश्ट रंगों की जोड़ियों के लिए मूल्यांकित किया जाना चाहिए जिनके लिए एक लेखक परंपरागत प्रस्तुतिकरण में संनिकट होने की अपेक्षा करेगा । लेखकों को असामान्य प्रस्तुतिकरण पर विचार नहीं करना चाहिए, जैसे कि प्रयोगकर्ता एजेन्ट द्वारा रंगों में परिवर्तन, सिवाय वहां, जहां यह लेखक के कूट की वजह से हुआ है ।

पढ़ने का सही क्रम

कोई भी क्रम जिसमें षब्द और अनुच्छेद एक ऐसे क्रम में प्रस्तुत किए गए है जिससे विशयवस्तु के अर्थ में परिवर्तन नहीं होता ।

आपातकाल

एक आकस्मिक, अनपेक्षित परिस्थिति या घटना जिसमें स्वास्थ्य, सुरक्षा या सम्पत्ति की रक्षा के लिए तत्काल कार्यवाही की जरूरत है ।

अनिवार्य

यदि हटाया जाता है तो विशयवस्तु की कार्यक्षमता या जानकारी को बुनियादी रूप से परिवर्तित कर देगी और जानकारी तथा कार्यक्षमता को दूसरे तरीके से अर्जित नहीं किया जा सकता जो अनुरूप हो ।

विस्तारित ऑडियो विवरण

ऑडियो विवरण जिसे एक दृष्य श्रृव्य प्रस्तुतिकरण में विडियो रोक कर जोड़ा जाता है ताकि अतिरिक्त विवरण जोड़ने के लिए वहां समय रहे।

टिप्पणी : यह तकनीक तब ही प्रयोग में लाई जाती है तब अतिरिक्त ऑडियो विवरण के बिना विडियो का अर्थ नहीं रह जाएगा और संवाद / वर्णन के बीच बहुत संक्षिप्त विश्राम हैं ।

फ्लेष

संबध्द आपेक्षित प्रतिदिप्तता में विपरीत परिवर्तनों की एक जोड़ी जो यदि पर्याप्त समय वाली है और सही आवृत्ति की सीमा में है तो यह लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकती है ।

टिप्पणी 1 : फ्लेष के उन प्रकारों जिनके लिए अनुमति नहीं है, पर जानकारी के लिए सामान्य फ्लेष और रेड फ्लेष थ्रेषहोल्ड देखें ।

टिप्पणी 2 : टिमटिमाना (ब्लिंकिंग) भी देखें ।

कार्यक्षमता

प्रयोगकर्ता के कार्यो से प्राप्त हो सकने वाली प्रक्रियाएं तथा परिणाम ।

साधारण फ्लेष तथा रेड फ्लेष थ्रेषहोल्ड

थ्रेषहोल्ड के नीचे एक फ्लेष तेजी से बदलती छबि का सिलसिला है (अर्थात, विशयवस्त गुजरती है)) यदि निम्न में से एक सही है :

  1. वहां एक सैकण्ड की अवधि के भीतर तीन से अधिक साधारण फ्लेष नहीं है और /या तीन रेड फ्लेष से अधिक नहीं है, या

  2. देखने की विषिश्ट दूरी से स्क्रीन के किसी भी 10 अंष के आभासी क्षेत्र में, फ्लेष का संयुक्त क्षेत्र कुल .006 स्टेराडियन्स से अधिक नहीं हो,

जहां :

  • एक साधारण फ्लेष को 10% की आपेक्षित प्रतिदीप्तता में या अधिकतम आपेक्षित प्रतिदीप्तता में विपरित परिवर्तनों के युग्म के रूप में परिभाषित किया जाता है जहाँ गहरी छबि की प्रतिदीप्तता 0.80 से कम होती है, और जहाँ ''विपरित परिवर्तनों के एक युग्म'' की गति बढ़ती है, जिसके बाद फिर घटती है, या घटने के बाद फिर बढ़ती है, और

  • एक रेड फ्लेष को विपरित गतियों के युग्म के रूप में परिभाशित किया गया है जिसमें संतृप्त लाल षामिल है ।

अपवाद : फ्लेषिंग, जो एक उत्कृश्ट, सन्तुलित, नमूना है जैसे एक ओर एक सफेद आवाज या 0.1 अंष (देखने की विषिश्ट दूरी से दृष्य क्षेत्र में) से छोटे ''वर्गो'' का एक वैकल्पिक चेकबोर्ड का नमूना थ्रेषहोल्ड का उल्लंघन नहीं करता है ।

टिप्पणी 1 : सामान्य सॉफ्टवेयर या वेब विशयवस्तु के लिए, प्रदर्षित स्क्रीन क्षेत्र पर कहीं भी एक 341 x 256 पिक्सल के चतुर्भुज का प्रयोग करते हुए, जहां विशयवस्तु को 1024 x 768 पिक्सल पर देखा जाने पर यह मानक स्क्रीन आकारों और देखने की दूरियों के लिए (उदाहरण के लिए 15-17 इंच की स्क्रीन पर 22-26 इंच की दूरी से) 10 अंष के आभासी क्षेत्र का एक अच्छा अनुमान प्रदान करेगा।)( उच्च विष्लेशण विशयवस्तु के समान प्रस्तुतिकरण की छोटी और सुरक्षित छबियां प्रदर्षित करता है ताकि इसके निम्न विष्लेशण थ्रेषहोल्ड को निर्धारित कर सकें।)

टिप्पणी 2 : एक संक्रमण, समय के विरूध्द आपेक्षित प्रतिदीप्तता के माप ( या लाल फ्लेषिंग के लिए आपेक्षित प्रतिदीप्तता / रंग) के एक क्षेत्र में जुड़ी हुई चोटियों और घाटियों के बीच आपेक्षित प्रतिदीप्तता में होने वाला परिवर्तन है | एक फ्लेष दो विपरित संक्रमण से बनता है ।

टिप्पणी 3 : क्षेत्र में "एक संतृप्त लाल को षामिल करते हुए विपरित संक्रमण के युग्म"के लिए वर्तमान प्रचलित परिभाशा है जहां, प्रत्येक संक्रमण में संलग्न एक या दोनो अवस्थाओं के लिएR/(R+ G + B) >= 0.8, और दोनो संक्रमणों के लिए (R-G-B)x320 का मान > 20 है । ( (R-G-B)x320 के नकारात्मक मान षून्य पर निर्धारित किए गए हैं । ) के मान के बीच हैं जैसा कि ''आपेक्षित प्रतिदीप्तता'' की परिभाशा में निर्दिश्ट किया गया है । [हार्डिंग-बिन्नी]

टिप्पणी 4: मूल्यांकन के लिए किसी उपकरण की जरूरत नहीं है यदि फ्लेषिंग किसी भी एक सैकण्ड में 3 फ्लेष के बराबर या इससे कम हैं । विशयवस्तु स्वचलित रूप से गुजर जाती है । (ऊपर #1 o #2 देखें । )

मानवीय भाशा

मानवों से संवाद करने के लिए भाशा, जो बोली, लिखी जाती है या जिसमें हस्ताक्षर (आभासी या स्पर्ष माध्यमों द्वारा) किए जाते हैं ।

टिप्पणी : संकेत भाशा भी देखें ।

मुहावरे

वाक्यांष जिनके अर्थ वैयक्तिक षब्दों से नहीं आंके जा सकते ओर अर्थ खोये बिना विषिश्ट षब्दों को परिवर्तित भी नहीं किया जा सकता ।

टिप्पणी :मुहावरों को उनके (सांस्कृतिक या भाशा - आधारित ) अर्थ को खोये बिना षब्दष: प्रत्यक्ष अनुवाद नहीं किया जा सकता ।

उदाहरण 1 : अंग्रेजी में,"spilling the beans" का अर्थ है ''एक गुप्त बात को बताना'' । हांलाकि "knocking over the beans" या "spilling the vegetables" का समान अर्थ नहीं है |

उदाहरण 2: जापानी में वाक्यांष "さじを投げる" का षाब्दिक रूपान्तर है "वह एक चम्मच फेंकता है," परन्तु इसका अर्थ यह है कि वह कुछ भी करने लायक नहीं है और अन्तत: उसने हार मान ली ।

उदाहरण3: डच में,"Hij ging met de kippen op stok" का षाब्दिक रूपान्तरण है,"वह मुर्गो के साथ पक्षियों के अड्डे पर गया," परन्तु इसका अर्थ यह है कि वह जल्दी सोने चला गया ।

पाठ की छबि

एक विषेष दृष्य प्रभाव प्राप्त करने के लिए पाठ जो एक गैर-पाठ प्रारूप (उदाहरण के लिए एक छबि) में प्रस्तुत किया गया है |

टिप्पणी :इसमें वह पाठ प षामिल नहीं है जो एक चित्र का भाग है जिसमें अन्य महत्वपूर्ण दृष्य विशयवस्तु षामिल है ।

उदाहरण : एक फोटोग्राफ में एक नाम की पर्ची पर एक व्यक्ति का नाम ।

सूचनापरक

सूचना के प्रयोजन के लिए तथा अनुरूपता के लिए जरूरी नहीं ।

टिप्पणी : अनुरूपता के लिए जरूरी विशयवस्तु को "प्रामाणिक"कहा जाता है ।

इनपुट त्रुटि

प्रयोगकर्ता द्वारा प्रदान की गई ऐसी जानकारी जो स्वीकृत नहीं की जाती है ।

टिप्पणी : इसमें षामिल है :

  1. जानकारी जो वेब पृष्ठ के लिए चाही गयी है परन्तु उपयोगकर्ता द्वारा छोड़ दी गई है ।

  2. जानकारी जो प्रयोगकर्ता द्वारा प्रदान की गई है परन्तु जो आवष्यक आंकड़े के प्रारूप या मानकों से परे हैं ।

निरर्थक षब्द

एक विषिश्ट क्षेत्र में लोगों के द्वारा विषेश तरीके से प्रयुक्त षब्द

उदाहरण : सहायक प्रौद्योगिकी/सुलभता के क्षेत्र से StickyKeys एक निरर्थक षब्द है ।

कीबोर्ड इन्टरफेस

की स्ट्रोक इनपुट प्राप्त करने के लिए सॉफ्टवेयर से प्रयुक्त इन्टरफेस

टिप्पणी 1 : एक कीबोर्ड इन्टरफेस, कार्यक्रमों में कीस्ट्रोक इनपुट प्रदान करने के लिए प्रयोगकर्ताओं को मदद करता है, तब भी यदि देषी प्रौद्योगिकी में एक कीबोर्ड षामिल नहीं हो ।

उदाहरण 1 : एक टचस्क्रीन पीडीए की संचालन प्रणाली में एक कीबोर्ड इन्टरफेस तथा बाहरी कीबोर्ड के लिए एक कनेक्टर बना हुआ होता है ।पीडीए पर होने वाले कार्यो में कीबोर्ड इनपुट प्राप्त करने के लिए एक बाहरी कीबोर्ड या दूसरे प्रयोगों से इन्टरफेस प्रयोग किया जा सकता है, जो कृत्रिम कीबोर्ड आउटपुट प्रदान करते हैं, जैसे कि ''कीबोर्ड यंत्रानुकरण'' कार्यक्षमता से हाथ की लिखावट के टीकाकार या व्याख्या से पाठ के प्रयोग ।

टिप्पणी 2 :  एक कीबोर्ड-संचालित माउस यंत्रानुकरण, जैसे माउसकीज के माध्यम से अनुप्रयोग का संचालन ( या अनुप्रयोग के हिस्से) एक कीबोर्ड इन्टरफेस से किए गए संचालन के रूप में अर्हता प्राप्त नहीं होते, क्योकि कार्यक्रम का संचालन इसके पाइन्टिंग डिवाइस उपकरण से होता है, न कि इसके कीबोर्ड इन्टरफेस से । .

लेबल

एक पाठ या पाठ विकल्प दूसरे घटक जिन्हें वेब विशयवस्तु में एक घटक की पहचान के लिए एक प्रयोगकर्ता को प्रस्तुत किया जाता है।

टिप्पणी 1 : एक लेबल सभी प्रयोगकर्ताओं को प्रस्तुत किया जाता है जबकि नाम को छुपाया जा सकता है और सिर्फ सहायक प्रौद्योगिकी द्वारा ही जाहिर किया जाता है । अनेक ( परन्तु सभी नहीं ) मामलो में नाम और लेबल एक समान होते हैं ।

टिप्पणी 2 : लेबल षब्द, एचटीएमएल में लेबल तत्व तक सीमित नहीं है ।

बड़ा पैमाना (पाठ)

कम से कम 18 पाइन्ट या 14 पाइन्ट बोल्ड या फॉन्ट आकार जो चीनी, जापानी और कोरीयन (सीजेके) फॉन्ट के लिए समकक्ष आकार दे देगा ।

टिप्पणी 1 : असाधारण पतले स्ट्रोक्स या असामान्य विषेशताएं और लक्षणों के साथ फॉन्ट, जो उनके अक्षरों के रूपों की सामान्यता को कम करते हैं, खास तौर पर निम्न कॉन्ट्रास्ट स्तरों पर पढ़ने के लिए कठिन होते हैं ।

टिप्पणी 2 : फॉन्ट आकार वह आकार है जिस पर विशयवस्तु को प्रस्तुत किया जाना है । इसमें पुर्न:आकार देना षामिल नहीं है जिसे एक प्रयोगकर्ता के द्वारा किया जा सकता है ।

टिप्पणी 3 : अक्षर की वास्तविक आकार जिसे एक प्रयोगकर्ता देखता है, लेखक द्वारा निर्धारित आकार और लेखक के प्रदर्षन दोनो पर अथवा प्रयोगकर्ता एजेन्ट की सेटिंग्स पर आधारित रहता है । अनेक प्रमुख धारा के बॉडी टेक्ॅस्ट फॉन्ट्स के लिए, 14 और 18 पाइन्ट करीब करीब 1.2 तथा 1.5 इएम के समकक्ष होते हैं या बॉडी टेक्ॅस्ट के लिए (यह मानकर कि बॉडी फान्ट 100% है) निर्धारित आकार के 120% या 150% परन्तु लेखकों को प्रयुक्त विषिश्ट फॉन्ट के लिए इसे जांचने की जरूरत होगी । जब फान्ट्स संबध्द इकाईयों में निर्धारित किए जाते हैं तब प्रयोगकर्ता एजेन्ट के द्वारा प्रदर्षन के लिए वास्तविक पाइन्ट आकार की गणना की जाती है । पाइन्ट आकार को प्रयोगकर्ता एजेन्ट द्वारा प्राप्त करना चाहिए या फॉन्ट मेट्रिक्स के आधार पर आंकलित करना चाहिए जैसे कि इस सफलता मानदण्ड के मूल्यांकन के समय प्रयोगकर्ता एजेन्ट करते हैं । उचित सेटिंग्स को चुनने के लिए कमजोर दृश्टि वाले उपयोगकर्ता जिम्मेदार रहेंगें ।

टिप्पणी 4 : जब फॉन्ट आकार को निर्दिश्ट किए बिना पाठ का प्रयोग कर रहे हैं तो अनिर्दिश्ट पाठ के लिए प्रयुक्त न्यूनतम फॉन्ट आकार, फान्ट का अनुमान लगाने के लिए एक उपयुक्त आकार होगा । यदि लेवल 1 का षीर्शक 14 पाइन्ट बोल्ड में प्रस्तुत किया है या प्रमुख ब्राउषर्स पर इससे अधिक आकार में है तो यह अनुमान लगाना उचित होगा कि यह एक बड़ा पाठ है । इसी तरह से संबध्द स्केलिंग को निर्धारित आकार से आंकलित किया जा सकता है ।

टिप्पणी 5 : रोमन पाठों के लिए 18 तथा 14 पाइन्ट के आकारों को बड़ी प्रिन्ट (14 पाइन्ट) और बड़े मानक फॉन्ट आकार (18 पाइन्ट) के लिए न्यूनतम आकार से लिया गया है । अन्य दूसरे फॉन्ट जैसे कि सीजेके भाशाओं के लिए, उन भाशाओं के लिए प्रयुक्त न्यूनतम बड़ा प्रिन्ट आकार ''समकक्ष'' आकार होगा और अगला बड़ा मानक, बड़ा प्रिन्ट आकार |

विधिक प्रतिबध्दता

आर्थिक व्यवहार, जहां व्यक्ति एक विधिक बंधक दायित्व या लाभ के लिए खर्च करता है ।

उदाहरण : एक विवाह अनुज्ञप्ति, एक स्टॉक व्यवसाय (वित्तीय तथा विधिक), एक इच्छा पत्र, एक ऋण, दत्तक, सेना के लिए हस्ताक्षर करना, किसी प्रकार का एक ठेका, आदि ।

लिंक प्रयोजन

एक हायपरलिंक को एक्टीवेट करने से प्राप्त परिणाम की प्रकृति।

जीवन्त

वास्तविक दुनिया की घटना से प्राप्त जानकारी और प्रसारण में लगने वाले समय के अन्तर से प्राप्तकर्ता को प्रसारण ।

टिप्पणी 1 : प्रसारण विलंब एक संक्षिप्त (सामान्यत: स्वचलित) विलंब होता है, उदाहरण के लिए प्रसारणकर्ता को ऑडियो (या विडियो) फीड को क्रम में रखने या नियंत्रित करने के लिए दिया जाने वाला समय है, परन्तु महत्वपूर्ण सम्पादन कार्य में सहायता करने के लिए पर्याप्त नहीं है ।

टिप्पणी 2 : यदि जानकारी पूर्णत: कम्प्यूअर से तैयार की गई है तो यह जीवन्त नहीं है ।

निम्न माद्यमिक षिक्षा स्तर

षिक्षा की दो या तीन वर्श की अवधि जो विद्यालय के छ: वर्श पूर्ण करने के बाद प्रारंभ होती है और प्राथमिक षिक्षा प्रारंभ होने के नौ वर्शो बाद समाप्त होती है ।

टिप्पणी : यह परिभाशा षिक्षा के अन्तर्राश्ट्रीय मानक वर्गीकरण पर आधारित है । [यूनेस्को]|

यंत्रावली

एक परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया या तकनीक ।

टिप्पणी 1: यंत्रावली विषयवस्तु में सुस्पष्ट रूप से दी जानी चाहिए,या इसे सहायक प्रौद्योगिकियों सहित प्लेटफार्म द्वारा या प्रयोगकर्ता एजेन्टों द्वारा प्रदान किया गया, माना जाएगा|

टिप्पणी 2 : अनुरूपता स्तर का दावा करने के लिए यंत्रावली के लिए समस्त सफलता मानदण्ड पूरे करना आवष्यक है ।

पाठ के लिए मीडिया विकल्प

मीडिया जो उतनी ही जानकारी प्रस्तुत करता है जितनी पहले ही पाठ में प्रस्तुत कर दी गई है ।(प्रत्यक्ष या पाठ के विकल्प के माध्यम से)

टिप्पणी : पाठ के लिए एक मीडिया विकल्प उनके लिए दिया जाता हैं जो पाठ के वैकल्पिक प्रस्तुतिकरणों से लाभ प्राप्त करते हैं | पाठ के लिए मीडिया विकल्प केवल-आडियो, केवल-विडियो (संकेत-भाशा विडियो सहित) या ऑडियो-विडियो हो सकते हैं ।

नाम

पाठ जिससे सॉफ्टवेयर प्रयोगकर्ता के लिए विशयवस्तु से एक घटक की पहचान करता है ।

टिप्पणी 1: नाम छुपा हुआ हो सकता है और सिर्फ सहायक प्रौद्योगिकियो द्वारा जाहिर किया जा सकता है, जबकि एक लेबल सभी प्रयोगकर्ताओं को प्रस्तुत किया जाता है । अनेक मामलों (सभी में नहीं), लेबल और नाम एक समान होते हैं ।

टिप्पणी 2: यह एचटीएमएल में उल्लेखित नाम से अलग है ।

संचालित क्रम

एक कीबोर्ड इन्टरफेस प्रयोग करते हुए फोकस बढ़ाने के लिए (एक तत्व से दूसरे तत्व की ओर) निर्धारित क्रम में संचालित करना ।

गैर-पाठ विशयवस्तु

कोई विशयवस्तु जो अक्षरों का एक क्रम नहीं है, जिसे कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित किया जा सके या जहां क्रम मानवीय भाशा कुछ व्यक्त नहीं कर रहा है ।

टिप्पणी: इसमें एएससीआयआय आर्ट ( जो अक्षरों का एक नमूना है ), इमोटीकॉन्स, लीटस्पीक, (जो अक्षरों का प्रतिस्थापन प्रयोग करते हैं), और पाठ प्रस्तुत करती छबियां शामिल है।

प्रामाणिक

अनुरूपता के लिए आवष्यक

टिप्पणी 1: एक व्यक्ति इस दस्तावेज में सु-निर्धारित विधियों की विभिन्नताओ से अनुरूपता ला सकता है ।

टिप्पणी 2: "'प्रामाणिक'या ''गैर-प्रामाणिक''के रूप में अभिज्ञात विशयवस्तु के लिए अनुरूपता की कभी जरूरत नहीं होती ।

एक पूर्ण स्क्रीन विण्डों पर

अधिकतर साधारण आकार के डेस्कटॉप / लेपटॉप, अधिकतम व्यूपोर्ट के साथ प्रदर्षित करते हैं ।

नोट: कुछ लोग साधारणत: अपने कम्प्यूटर्स वर्शो तक रखते हैं, इसलिए यह सबसे अच्छा होगा कि नवीनतम डेस्कटॉप/लेपटॉप विष्लेशणों पर भरोसा नहीं करें परन्तु मूल्यांकन करते समय पिछले अनेक वर्शो के सामान्य डेस्कटॉप/लेपटॉप प्रदर्षन विष्लेशण पर विचार करें ।

विराम

प्रयोगकर्ता के अनुरोध पर रोका जाना तथा प्रयोगकर्ता के अनुरोध प्राप्त होने तक उसे पुन: प्रारंभ नहीं करना ।

पूर्व रिकाडर्ेड

जानकारी जो जीवन्त नहीं है ।

प्रस्तुतिकरण

प्रयोगकर्ता की समझ के लिए विशयवस्तु का एक प्रारूप में प्रस्तुतिकरण ।

प्राथमिक षिक्षा का स्तर

छ वर्शो की समय अवधि जो पांच और सात वर्श की आयु पर प्रारंभ होती है, संभवत: बिना किसी पूर्व षिक्षा के ।

टिप्पणी: यह परिभाशा षिक्षा के अन्तर्राश्ट्रीय मानक वर्गीकरण पर आधारित है ।[यूनेस्को]|

प्रक्रिया

प्रयोगकर्ता के कार्यो की श्रृंखला जहां एक गतिविधि को पूर्ण करने के लिए प्रत्येक कार्य को क्रम में पूरा किए जाने की जरूरत होती है ।

उदाहरण 1 : एक शॉपिंग साइट पर वेब पृष्ठों की एक श्रृंखला के सफल उपयोग के लिए जरूरी है कि प्रयोगकर्ता वैकल्पिक उत्पादों, कीमतों तथा प्रस्तावों को देखे उत्पादों को चुने, आदेष प्रस्तुत करे, षीपिंग जानकारी दे तथा भुगतान की जानकारी प्रदान करे ।

उदाहरण 2 : एक खाता पंजीयन पृष्ठ के लिए जरूरत है पंजीयन प्रपत्र के मूल्यांकन के पूर्व एक सफल टयूरिंग परीक्षण का पूर्ण होना ।

कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित (कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारण योग्य)

लेखकों द्वारा प्रदाय किए गए आंकड़ो को सॉफ्टवेयर द्वारा एक ऐसे तरीके से निर्धारित जिसमें विभिन्न प्रयोगकर्ता एजेन्ट , को जिसमें सहायक प्रौद्योगिकियां भी शामिल है, यह जानकारी निकाल सके और यह जानकारी प्रयोगकर्ताओं को विभिन्न रूपों में प्रस्तुत कर सके ।

उदाहरण 1: एक मार्कअप भाशा में तत्वों और विषेशताओं का निर्धारण, जिसे सामान्य रूप से उपलब्ध सहायक प्रौद्योगिकियों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से मूल्यांकित किया गया है ।

उदाहरण 2: तकनीकी-विषेश आंकड़ा संरचनाओं से एक गैर-मार्कअप भाशा में निर्धारित तथा एक सुलभता API के माध्यम से सहायक प्रौद्योगिकी को प्रस्तुत जो सामान्य तौर पर सहायक प्रौद्योगिकी के अनुरूप है ।

कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित लिंक सन्दर्भ
अतिरिक्त जानकारी जिसे एक लिंक पाठ के साथ संयुक्त एक लिंक के

परस्पर संबंधों से कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित किया जा सकता है तथा विभिन्न रूपों में प्रयोगकर्ताओं को प्रस्तुत किया जा सकता है ।

उदाहरण : एचटीएमएल में, जानकारी जो अंग्रेजी में एक लिंक से कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारण के योग्य है, में वह पाठ षामिल है जो लिंक के रूप में उसी अनुच्छेद, सूची या टेबल सेल में या एक टेबल हेडर सेल में है जो उस टेबल सेल के साथ जुड़ा हुआ है जिसमें लिंक निहित है ।

टिप्पणी: चूंकि स्क्रीन रीडर्स विराम चिन्हों की व्याख्या करते हैं, अत: जब उस वाक्य में एक लिंक पर फोकस होता है तब वे वर्तमान वाक्य से सन्दर्भ भी प्रदान कर सकते हैं ।

कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारण

सॉफ्टवेयर द्वारा ऐसी विधियों द्वारा निर्धारित जो सहायक प्रौद्योगिकियों सहित प्रयोगकर्ता एजेन्टो के द्वारा समर्थित हो ।

शुध्द सजावट

मात्र सजावटी प्रयोजन के लिए प्रयुक्त, जिसमें कोई जानकारी नहीं दी जाती और कोई कार्यक्षमता नहीं होती ।

टिप्पणी: पाठ षुध्द सजावटी मात्र है यदि उनके प्रयोजन में परिवर्तन के बिना षब्दों को पुर्न:प्रबंधित या प्रतिस्थापित किया जा सकता है ।

उदाहरण : एक षब्दकोश के मुखपृष्ठ में पृष्ठभूमि में बहुत हल्के पाठ में क्रमरहित षब्द होते हैं ।

वास्तविक-समय घटना

घटना जो अ) उसी समय घटित होती है जब देखी जाती है और ब) पूरी तरह विशयवस्तु से तैयार नहीं हुई है ।

उदाहरण 1 : एक जीवन्त प्रस्तुति का एक वेबकॉस्ट ( देखे जाने के समय ही घटित होती है ओर यह पूर्व रिकाडर्ेड नहीं होती )

उदाहरण 2: बोली लगाते लोगों के साथ एक ऑन-लाईन नीलामी (देखे जाने के समय ही घटित)

उदाहरण 3 :वास्तविक दुनिया में विभिन्न रूपों को इस्तेमाल करते हुए संवाद करते जीवित मनुष्य ( पूरी तरह से विशय वस्तु के द्वारा उत्पन्न नहीं है और उसी समय घटित होती है जिस समय देखी जा रही है )

संबंध

विशयवस्तु की विभिन्न वस्तुओ के बीच अर्थपूर्ण संबंध

आपेक्षित प्रतिदिप्तता

एक कलर स्पेस में किसी भी बिन्दु की आपेक्षित चमक, जो सबसे गहरे काले के लिए 0 पर सामान्यीकृत की गई है और सबसे हल्के सफेद के लिए 1 पर ।

टिप्पणी 1 : sRGB कलरस्पेस के लिए, एक रंग की आपेक्षित प्रतिदिप्तता को इस प्रकार निर्धारित किया गया है कि L = 0.2126 *R + 0.7152 * G + 0.0722 * B जहां R, G and B को निम्न प्रकार निर्धारित किया गया है :

  • यदि RsRGB <= 0.03928 तो R = RsRGB/12.92 else R = ((RsRGB+0.055)/1.055) ^ 2.4

  • यदि GsRGB <= 0.03928 तो G = GsRGB/12.92 else G = ((GsRGB+0.055)/1.055) ^ 2.4

  • यदि BsRGB <= 0.03928 तो B = BsRGB/12.92 else B = ((BsRGB+0.055)/1.055) ^ 2.4

तथा RsRGB, GsRGB, एवं BsRGB निम्न प्रकार निर्धारित हैं :

  • RsRGB = R8bit/255

  • GsRGB = G8bit/255

  • BsRGB = B8bit/255

The "^" अक्षर घातांकता संचालक है । ( सूत्र [एसआरजीबी] तथा [आयईसी-4 डब्लुडी] से संकलित ) [एसआरजीबी] और [आयईसी-4 डब्लुडी]).

टिप्पणी 2: आज प्रयुक्त होने वाले लगभग सभी सिस्टम वेब विषयवस्तु देखने के लिएsRGB इनकोडिंग अपनाते हैं । जब तक यह ज्ञात नहीं हो कि विषयवस्तु को प्रक्रियाधीन तथा प्रदर्शित करने के लिए दूसरी कलर स्पेस प्रयुक्त की जाएगी,लेखकों को sRGB कलरस्पेस के इस्तेमाल से मूल्यांकन करना चाहिए । यदि दूसरी कलर स्पेस प्रयोग कर रहे हैं तो Understanding Success Criterion 1.4.3 देखें।

टिप्पणी 3: यदि प्रस्तुतिकरण के बाद अस्थिरता उत्पन्न होती है तो स्त्रोत रंग का मान प्रयुक्त किया जाता है। रंगों के लिए जो स्त्रोत पर अस्थिर होते हैं, रंगों का औसत मान जो अस्थिर होता है, प्रयुक्त किया जाना चाहिए । (औसत R, औसत G तथा औसत B)

टिप्पणी 4: उपकरण उपलब्ध है जो कान्ट्रॉस्ट तथा फ्लेष के परीक्षण के समय स्वचालित रूप से गणनाएं करते हैं ।

टिप्पणी 5: एक MathML version of the relative luminance definition उपलब्ध है ।

भरोसेमन्द (ऐसी प्रौद्योगिकियाँजो)

विषयवस्तु अनुरूप नहीं होगी यदि प्रौद्योगिकीको बन्द कर दिया गया है या यह समर्थित नहीं है ।

भूमिका

पाठ या संख्या जिसके द्वारा सॉफ्टवेयर वेब विशयवस्तु में एक घटक के कार्य की पहचान करता है ।

उदाहरण: एक संख्या जो यह बताती है कि एक छबि एक हायपरलिंक, कमाण्ड बटन या चेक बॉक्स के रूप में कार्य करती है अथवा नहीं ।

समान कार्यक्षमता

प्रयोग करने पर समान परिणाम ।

उदाहरण : एक वेब पृष्ठ पर एक सबमिट ''सर्च'' बटन तथा दूसरे वेब पृष्ठ पर एक ''फाइण्ड'' बटन, दोनो में जिसमें एक षब्द प्रविश्ट करने के लिए एक फिल्ड होती है और वे वेब साइट में प्रविश्ट षब्द से संबंधित षीर्शकों की सूची प्रस्तुत कर देंगें ।इस मामले में, उनकी कार्यक्षमता एक समान होगी परन्तु उन पर एक जैसे लेबल नहीं किए जाएँगें ।

समान आपेक्षित क्रम

अन्य वस्तुओं से आपेक्षित समान स्थिति ।

टिप्पणी: अन्य वस्तुओं को मूल क्रम में प्रविश्ट या हटाया जाने पर भी वस्तुएं समान आपेक्षित क्रम में मानी जाती है । उदाहरण के लिए, विस्तारित गति मेनू विवरण का एक अतिरिक्त स्तर प्रविश्ट कर सकते हैं या एक द्वितीयक गति अनुभाग को पाठय क्रम में प्रविश्ट कराया जा सकता है ।

सफलता के मानदण्ड की पूर्ति करना

इस पृष्ठ पर लागू किए जाने पर सफलता मानदण्ड का मूल्यांकन 'गलत' नहीं होता ।

भाग

लिखित विशयवस्तु का एक स्वत:-पूर्ण भाग जो एक या अधिक संबध्द षीर्शक या विचारों से संबध्द है ।

टिप्पणी : एक भाग एक या अधिक अनुच्छेदों से बन सकता है और इसमें ग्राफिक्स, टेबल्स, सूचियां तथा उप-भाग षामिल हो सकते हैं ।

वेब पृष्ठों का सेट

संग्रह जो वेब पृष्ठों का सामान्य प्रयोजनों को साझा करता है तथा जो समान लेखक, समूह या संगठन द्वारा तैयार किए जाते हैं ।

टिप्पणी: विभिन्न भाशा संस्करणों को वेब पृष्ठों के अलग-अलग सेट समझा जाएगा ।

संकेत भाशा

एक भाशा जिसमें अर्थो को व्यक्त करने के लिए हाथों और बांहों की गतियों, चेहरे के भावों या षारीरिक स्थितियों के समन्वय का प्रयोग होता है ।

संकेत भाशा की व्याख्या

एक भाशा का अनुवाद, साधारणत: एक बोली जाने वाली भाशा का संकेत वाली भाशा में ।

टिप्पणी: वास्तविक संकेत भाशाएं स्वतंत्र भाशाएं होती है जो उसी देष या क्षेत्र की बोली जाने वाली भाशा(ओं) से असंबध्द होती है ।

विषिश्ट संवेदी अनुभव

एक संवेदी अनुभव जो षुध्द सजावटी नहीं है और प्राथमिक रूप से महत्वपूर्ण जानकारी व्यक्त नहीं करता या कार्यक्षमता का प्रयोग नहीं करता ।

उदाहरण: उदाहरणों में एक बांसुरी वादन का प्रदर्षन, आभासी कलाओं के कार्य आदि हैं।

संरचना
  1. वह तरीका, जिससे वेब पृष्ठ के भाग एक दूसरे से संगठित किए जाते हैं; तथा

  2. वह तरीका, जिससे वेब पृश्ठों का एक संग्रह संगठित किया जाता है ।

पूरक विशयवस्तु

अतिरिक्त विशयवस्तु जो प्राथमिक विशयवस्तु को वर्णित या स्पश्ट करती है ।

उदाहरण 1: एक वेब पृश्ठ का एक ऑडियो संस्करण.

उदाहरण 2: एक जटिल प्रक्रिया का एक उदाहरण.

उदाहरण 3 : प्रमुख परिणामों के संक्षेप का एक अनुच्छेद तथा षोध अध्ययन में की गई सिफारिषें

समकालिक मीडिया

ऑडियो या विडियो जानकारी प्रस्तुत करने के लिए दूसरे प्रारूप के साथ समकालिक ऑडियो या विडियो और /यासमय-आधारित संवादात्मक घटकों के साथ,जब तक कि मीडिया पाठ के लिए एक वैकल्पिक मीडिया नहीं हो जिसे स्पश्ट रूप से इस हेतु लेबल किया गया हो ।

तकनीक (वेब विशयवस्तु)

प्रयोगकर्ता एजेन्टों द्वारा प्रस्तुतिकरण, लागू या निष्पादित किए जाने के लिए निर्देशो के कूटलेखन के लिए यंत्रावली

टिप्पणी 1: प्रयोगकर्ता एजेन्टएक या अधिक व्यूपोर्टके माध्यम से विशयवस्तु को प्रस्तुत करते हैं । व्यूपोर्ट में षामिल है, विण्डोज, फ्रेम्स, लाउडस्पीकर्स, और वास्तविक आवर्धन कांच । एक व्यूपोट में दूसरा व्यूपोर्ट हो सकता है । (उदाहरण के लिए नेस्टेड फ्रेम्स)। प्रयोगकर्ता एजेन्ट द्वारा उत्पन्न इन्टरफेस घटक प्राम्प्ट, मेन्यूज तथा एलर्ट व्यूपोर्ट नहीं हैं ।

टिप्पणी 2: वेब विषयवस्तु प्रौद्योगिकिओं में मार्कअप भाषाएं, आंकड़ों के प्रारूप या कार्यक्रमों की भाषाएँ जिन्हें लेखक अकेले या फिर संयोजन के साथ अन्तिम-उपयोगकर्ता के अनुभवों को तैयार करने के लिए उपयोग करते हैं, जिनका विस्तार स्थैतिक वेब पृष्ठों से संकलित मीडिया प्रस्तुतिकरणों से गतिक वेब प्रयोगो तक होता है ।

उदाहरण : दृष्य संबंधी वैयक्तिकरण एचटीएमएल, सीएसएस, एसव्हीजी, पीएनजी, पीडीएफ, फ़्लेश तथा जावास्क्रिप्ट ।

पाठ

अक्षरों का क्रम जिसे कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित, निर्धारित किया जा सकता है, जहां क्रम मानवीय भाषाओं,में कुछ व्यक्त करता है।

पाठ विकल्प

पाठ जो कार्यक्रमात्मक रूप से गैर-पाठ विषयसामग्री के साथ संबध्द है या पाठ से सन्दर्भित है, जो कार्यक्रमात्मक रूप से गैर-पाठ से जुड़ा है । कार्यक्रमात्मक रूप से संबध्द पाठ वह पाठ है जिसकी स्थिति गैर-पाठ विषयवस्तु से कार्यक्रमात्मक रूप से निर्धारित की जा सकती है

उदाहरण: एक चार्ट की एक छबि को अनुच्छेद में पाठ में चार्ट के बाद वर्णित किया गया है । चार्ट के लिए संक्षिप्त पाठ विकल्प दर्शाते हैं कि आगे विवरण दिया गया है।

टिप्पणी: अधिक जानकारी के लिए Understanding Text Alternatives देखें ।

असामान्य या प्रतिबन्धित तरीके से प्रयुक्त

एक ऐसे तरीके से प्रयुक्त शब्द जिनमे प्रयोगकर्ता को यह सही सही जानने की जरूरत है कि विषयवस्तु को सही तरीके से समझने के लिए कौन सी परिभाषा लागू करनी होगी ।

उदाहरण:शब्द का अर्थ है कुछ अलग, यदि संगीत समारोहों की एक चर्चा में आता है तो यह कम्प्यूटर हार्ड ड्राइव स्पेस के बारे में एक लेख में भी आता है परन्तु उचित परिभाषा सन्दर्भ से निर्धारित की जा सकती है । तुलनात्मक रूप से, डब्लुसीएजी 2.0 में ''पाठ'' शब्द एक अत्यन्त विशिष्ट तरीके से प्रयोग किया गया है, अत: शब्दकोश में एक परिभाषा दी गई है ।

प्रयोगकर्ता एजेन्ट

कोई भी सॉफ्टवेयर जो वेब विषयवस्तु को पुन: प्राप्त करते हैं और उपयोगकर्ताओं को प्रस्तुत करते हैं ।

उदाहरण: सहायक प्रौद्योगिकियों सहित वेब ब्राउशर्स, मीडिया प्लेयर्स, प्लग-इन्स तथा अन्य कार्यक्रम - जो पुन: प्राप्त करने, प्रस्तुत करने तथा वेब विषयवस्तु के साथ संवाद स्थापित करने में सहायक हैं ।

प्रयोगकर्ता-नियंत्रण योग्य

आंकड़े जिनका मूल्यांकन प्रयोगकर्ता द्वारा किया जाना हैं ।

टिप्पणी: यह ऐसी वस्तुओं के सन्दर्भ नहीं देता जैसे इन्टरनेट लाग्स तथा सर्च इंजन निगरानी आंकड़े ।

उदाहरण: एक उपयोगकर्ता के खाते के लिए नाम तथा पतों की फिल्ड ।

प्रयोगकर्ता इन्टरफेस घटक

विषयवस्तु का एक भाग जो दूरस्थ कार्य के लिए एक एकल नियंत्रण के रूप में प्रयोगकर्ता द्वारा समझ लिया गया है ।

टिप्पणी 1 : विविध प्रयोगकर्ता इन्टरफेस घटकों को एक एकल कार्यक्रमात्मक तत्व के रूप में क्रियान्वित किया जा सकता है । यहां घटकों को कार्यक्रमात्मक तकनीकों से नहीं बांधा है परन्तु इसके स्थान पर उनसे जो प्रयोगकर्ता स्वतंत्र नियंत्रणों के रूप में समझते हैं ।

टिप्पणी 2: योगकर्ता इन्टरफेस घटकों में प्रारूप तत्व तथा लिंक्स के साथ स्क्रिप्ट से उत्पन्न घटक शामिल है ।

उदाहरण: एक एपलेट में एक ''नियंत्रण'' होता है जिसे विषयवस्तु से लाईन पृष्ठ से या बिना किसी क्रम से चला कर प्रयोग किया जा सकता है । चूँकि इनमें से प्रत्येक को एक नाम और स्वतंत्र रूप से निर्धारण की जरूरत होगी, इसलिए वे प्रत्येक एक ''प्रयोगकर्ता इन्टरफेस घटक'' होंगे ।

विडियो

तकनीक (वेब विशयवस्तु)

टिप्पणी: विडियो, एनीमेटेड या चित्रयुक्त छबियों, या दोनो से बनाया जा सकता है ।

केवल- विडियो

तकनीक (वेब विशयवस्तु) विडियो (कोई ऑडियो या संवाद नहीं )

व्यूपोर्ट

वस्तु जिसमें प्रयोगकर्ता एजेन्ट विशयवस्तु प्रस्तुत करता है ।

टिप्पणी 1: प्रयोगकर्ता एजेन्ट एक या अधिक व्यूपोर्टके माध्यम से विशयवस्तु को प्रस्तुत करते हैं । व्यूपोर्ट में षामिल है, विण्डोज, फ्रेम्स, लाउडस्पीकर्स, और वास्तविक आवर्धन कांच ।एक व्यूपोट में दूसरा व्यूपोर्ट हो सकता है । (उदाहरण के लिए नेस्टेड फ्रेम्स)।.प्रयोगकर्ता एजेन्ट द्वारा उत्पन्न इन्टरफेस घटक प्राम्प्ट, मेन्यूज तथा एलर्ट व्यूपोर्ट नहीं हैं ।

टिप्पणी 2: यह परिभाशा User Agent Accessibility Guidelines 1.0 Glossary पर आधारित है|

दृष्य संबंधी वैयक्तिकरण

फॉन्ट, आकार, रंग तथा पृष्ठभूमि को निर्धारित किया जा सकता है ।

वेब पृश्ठ

एचटीटीपी का प्रयोग करते हुए एक एकल यूआरआय से प्राप्त एक गैर-अन्त:स्थापित संसाधन तथा अन्य कोई संसाधन जो समर्पण में प्रयुक्त होते हैं या एक प्रयोगकर्ता एजेन्ट द्वारा इसके साथ समर्पित किए जाने के लिए हैं ।

टिप्पणी 1: हांलाकि कोई भी ''अन्य संसाधन'' प्राथमिक संसाधन के साथ समर्पित होंगें, परन्तु आवष्यक नहीं है कि वे एक दूसरे के साथ समर्पित होंगें ।

टिप्पणी 2 : इन मार्गदर्षिकाओं के साथ अनुरूपता के प्रयोजनों के लिए, अनुरूपता के विशय क्षेत्र के भीतर एक वेब पृष्ठ के रूप में समझे जाने के लिए एक संसाधन को आवष्यक रूप से ''गैर-अन्त:स्थापित'' होना चाहिए ।

उदाहरण 1 : एक वेब संसाधन में समस्त अन्त:स्थापित छबियां तथा मीडिया षामिल है ।

उदाहरण 2: एसीक्रोनस जावास्क्रिप्ट तथा एक्सएमएल (एजेएएक्स) का प्रयोग करते हुए एक वेब मेल कार्यक्रम तैयार किया जाता है ।. यह कार्यक्रम पूरी तरह से http://example.com/mail, पर रहता है, परन्तु इसमें एक इनबॉक्स, एक सम्पर्क क्षेत्र और एक कैलेण्डर षामिल है । . लिंक्स या बटन दिए गए हैं जो इनबॉक्स, सम्पर्क या केलेण्डर प्रदर्षित करते हैं परन्तु पूरी तरह से पृष्ठ के यूआरआय को परिवर्तित नहीं करते ।

उदाहरण 3: एक रूचि अनुसार तैयार पोर्टल साइट, जहां प्रयोगकर्ता विभिन्न विशयवस्तुओं के माडयूल्स के एक सेट में से प्रदर्षित करने के लिए विशयवस्तु चुन सकते हैं ।

उदाहरण 4: जब आप अपने ब्राउषर से "http://shopping.example.com/" में प्रवेष करते हैं, तब आप एक सिनेमा के समान संवादात्मक षॉपिंग वातावरण में प्रविश्ट हो जाते हैं जहां आप आभासी रूप से एक स्टोर में घूमते हैं, अपने आसपास ताकों से उत्पाद खींचकर अपने सामने पड़ी एक आभासी षॉपिंग गाड़ी में डालते हैं ं। एक उत्पाद पर क्लिक करने से एक विवरण पत्र तैरते हुए प्रदर्षित होने लगता है ।यह एक एकल-पृष्ठ वेब साइट हो सकती है या एक वेबसाइट का सिर्फ एक पृष्ठ भी ।

परिशिष्ट ब : साभार

यह भाग प्रमाणिक है।

यह प्रकाषन संविदा संख्या इडी05सीओ0039 के अन्तर्गत संयुक्त राष्ट्र, षिक्षा विभाग, नेषनल इस्टीटयूट ऑन डिसेबिलीटी एण्ड रिहेबिलिटेषन रिसर्च (एनआयडीआरआर) से संघीय कोषों से आंषिक रूप से वित्त पोषित है । इस प्रकाषन की विशयवस्तु आवष्यक रूप से संयुक्त राश्ट्र, षिक्षा विभग की नीतियों या विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करती, और न ट्रेड नेम्स, वाणिज्यिक उत्पादों या संगठनों के उल्लेख का यह अर्थ है कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है ।

वेब कन्टेन्ट एक्सेसीबिलीटी गाइडलाइन्स वर्किंग ग्रूप (डब्लूसीएजी डब्लुजी) में सहभागिता के बारे में अतिरिक्त जानकारी Working Group home page पर प्राप्त की जा सकती है ।

प्रकाशन के समय डब्लूसीएजी डब्लुजी सक्रिय प्रतिभागी

  • ब्रुस बेली ( यू.एस. असेस बोर्ड )

  • फ्रेडरीक बोलेण्ड (एनआयएसटी)

  • बेन काल्डवेल (ट्रेस आर एण्ड डी सेन्टर, विसकॅनसिन विष्वविद्यालय)

  • सोफिया केलिक (डब्लु3सी द्वारा आमंत्रित विषेषज्ञ)

  • माइ· कल कूपर (डब्लु3सी)

  • रॉबर्टो एलीरो (इ· न्टरनेषनल वेबमास्टर्स असोसिएषन/एचटीएमएल राइ· टर्स गिल्ड )

  • बेंग्ट फारे (रिगाब)

  • लोरेटा गुआरिनो रीड (गूगल)

  • केटी-हेरीटोस-षिया

  • एन्ड्रू किर्कपेट्रिक (एडोब)

  • ड्रू लॉहार्ट (आयबीएम)

  • एलेक्स ली (सेप एजी)

  • डेविड मॅक्डॉनल्ड (ई-रेम्प इ· नकार्प.)

  • रोबर्टो स्केनो (इ· न्टरनेषनल वेबमास्टर्स असोसिएषन / एचटीएमएल राइ· टर्स गिल्ड )

  • सिंथिया षेली (माइ· क्रोसॉफ्ट)

  • एण्डी स्नो-व्हीवर (आयबीएम)

  • क्रिस्टोफे स्ट्रोबे (डॉकआर्च, के.यू.ल्यूवेन)

  • ग्रेग वाण्डेरहीडन (ट्रेस आर एण्ड डी सेन्टर, विसकॅन्सिन विष्वविद्यालय)

अन्य पूर्व सक्रिय डब्लुसीएजी डब्लुजी प्रतिभागी और डब्लुसीएजी 2.0 के अन्य सहयोगी

षादी अबो-जाहरा, जिम एलन, जीने एण्डरषोनिस, अवि अर्डिटी, एरिस अर्डिटी, माइक बारटा,सेण्डी बाटर्ेल, किन बार्टलेट, मार्को बर्टोनी, हारर्वे बिंघम, क्रिस ब्लोउच, पॉल बोह्मन, पेट्रीस बोर्लन, जूडी ब्रूवर,एण्डी ब्राउन, डिक ब्राउन, डॉयल बर्नेट, रीवेन केलैस, थामस केस्पर्स, रोबर्टो केस्टलडो,सांभवी चन्द्रषेखर, माइक षेरिम, जोनाथन चेटविण्ड, वेण्डी चिसहोम, एलन ष्यूटर, डेविड एम क्लार्क, जो क्लार्क, जेम्स कोल्थम, जेम्स क्रेग, टॉम क्राउचर, नीर डेगान, डेनियल डारडैलर, जियॉफ डीयरिंग, पीट डीवेस्टो, डॉन एवान्स,नील एवर्स, स्टीव फॉकनर, लेनी फिंगोल्ड, एलन जे. फ्लावेल, निकोलस फ्लोराटॉस, केन्टारो फुकूडा, मिग्युइल गार्सिया, पी.जे.गार्डनर, ग्रेग गे, बेकी गिब्सन,एल गिलमन, करस्टिन गोल्डस्मिथ, माइकल ग्रेड, जॉन गण्डरसन, इमेन्यूल गुटीरेज, ब्रायन हार्डी, एरिक हॉनसेन, षॉन हेज, षॉन हेनरी, हान्स हिलेन, डोनोवन हिपके, ब्योर्न हर्मन, क्रिस हॉफस्टेडर, वेट् होइटिंक,कार्लोज इग्लेसियस, इयान जेकब्स, फिल जेनकिन्स, ज्योत्सना काकी, लियोनार्ड आर. केसडे,काज़ुहिटो किडाची, केन किपनेस, मारजा-रिटा कोइवुनेन, प्रीटी कुमार, गेज लेमन, चक लीटोर्नियू, स्कॉट ल्युबकिंग, टीम लेसी, जिम ले, विलियम लॉफबरो, ग्रेग लॉनी, ल्यूका मेसकारो, लियाम मॅक्गी,जेन्स मियार्ट, निकी मिरेट, एलसेण्ड्रो मियेल, मेथ्यू जे मीराबेला, चार्ल्स मेककेथीनिवेल , मेट मे, मारट मेकक्यूलर, सोर्षा मूर, चार्ल्स एफ. मूनट, रॉबर्ट नेफ, ब्रूनो वॉन निमन, टीम नूनान, सेबेस्टीयानो नुटारेली, ग्राहम ऑलिवर, षॉन बी. पॉमर,सैलेष पांचाग, निगेल पेक, एन पेम्बरटन, डेविड पोह्मन, एडम विक्टर रीड, क्रिस रीडपथ, ली राबर्ट्स, ग्रेगोरी जे. रोजमैटा, मैथ्यू रॉस, शेरन रष, गियान सेम्पसन-विल्ड, जोइल साण्डा, गार्डन षांट्ज, लीसा सीमेन, जॉन स्लेटीन, बेकी स्मिथ, जारेड स्मिथ, नील सोफेर,जीन स्पेलमेन, माइक स्कीलेस, माइकल स्टीनत्झर, जिम थैचर, टेरी थाम्पसन, जस्टीन थोर्प, मकोटो उएकी, इरिक वेलमन, डेना वेनराइट, पॉल वाल्ष, टाकायूकी वाटानाबे, जेसॅन व्हाईट.

परिषिष्ट स : सन्दर्भ

यह भाग प्रामाणिक है ।

केपचा
केपचा परियोजना, कारनेगी मेलॉन विष्वविद्यालय । यह परियोजना http://www.captcha.net पर ऑनलाईन है ।
हार्डिंग-बिन्नी
हार्डिंग जी.एफ.ए. तथा बिन्नी, सी.डी., इन्डीपेंडेंट एनॉलीसिस ऑफ दि आयटीसी फोटोसेंसेटिव इपीलेप्सी केलीब्रेषन टेस्ट टेप. 2002
आयईसी-4 डब्लुडी
आयईसी / 4 डब्लुडी 61966-2-1: कॅलर मेजरमेन्ट एण्ड मेनेजमेन्ट इन मल्टीमिडिया सिस्टम्स एण्ड इक्यूपमेन्ट् - पार्ट 2.1: डिफाल्ट कलर स्पेस - एसआरजीबी. 5 मई, 1998.
एसआरजीबी
" अ स्टेण्डर्ड डिफॉल्ट कलर स्पेस फॉर दि इन्टरनेट - एसआरजीबी," एम स्ट्रोक्स, एम. एण्डरसन, एस. चन्द्रसेकर, आर. मोटा, इडीएस., संस्करण 1.10, 5 नवंबर, 1996 । इस पत्र की एक प्रति http://www.w3.org/Graphics/Color/sRGB.html पर उपलब्ध है ।
यूनेस्को
इन्टरनेषनल स्टेण्डर्ड क्लासिफिकेषन ऑफ एज्युकेषन, 1997 । इस मानक की एक प्रति http://www.unesco.org/education/information/nfsunesco/doc/isced_1997.htm पर उपलब्ध है ।
डब्लुसीएजी 10
वेब कन्टेन्ट एक्सेसीबिलीटी गाइडलाइन्स 1.0, जी.वेण्डरहीडन, डब्लु. चिसहोम, आय. जेकब्ज, एडीटर्स, डब्लु3सी सिफारिष, 5 मई, 1999, http://www.w3.org/TR/1999/WAI-WEBCONTENT-19990505/. डब्लुसीएजी 1.0 का नवीनतम संस्करण http://www.w3.org/TR/WAI-WEBCONTENT/ पर उपलब्ध है ।